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क्षेत्रीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन, झारखंड के विकास के लिए जरूरी:अमित महतो

On: December 12, 2025 8:58 PM
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जमशेदपुर:झारखंड राज्य के कोल्हान प्रमंडल अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम जिला के गुड़ाबंधा प्रखंड में स्थित मिलनभीति प्लस टू विधालय, ज्वालकाटा में झारखंडी क्षेत्रिय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए निशुल्क क्षेत्रिय भाषाओं के पाठयक्रम के अनुसार संथाली पाठ्य पुस्तक पे पाआ चावले, कुङमाली पाठ्यपुस्तक फूल फाॅर आर भांउर और मुंडारी पाठ्यपुस्तक मुंडारी भाषा व्याकरण आदि झारखंडी क्षेत्रिय भाषाओं के पाठ्यपुस्तक झारखंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा निशुल्क पुस्तक वितरण किया गया lपुस्तक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में युवा आंदोलनकारी सह समाजसेवी श्री अमित महतो शामिल हुये l मुख्य अतिथि महतो जी ने अपने संबोधन में कहा अलग झारखंड राज्य का गठन यहाँ के नौ क्षेत्रिय भाषाओं के आधार पर किया गया है और झारखंड के हर व्यक्ति और युवाओं कि यह ज़िम्मेदारी हैं कि यहाँ के सभी क्षेत्रिय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन जरूरी है और क्षेत्रिय भाषाओं के विकास के बिना झारखंड के विकास का सपना अधूरा ही रहेगा lविधालय के हेड मास्टर सुखदेव राणा ने कहा कि विधालय में किसी भी क्षेत्रिय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली अब तक स्कूल में नहीं हुआ हैं जिसे बच्चों को पढ़ने में काफी समस्या हो रही हैं l अमित जी ने विधालय प्रशासन को आश्वस्त करते हैं कि जिला प्रशासन के अधिकारियों, डीईओ और शिक्षा मंत्री झारखंड सरकार से लिखित रूप से माँग किया जायेगा कि जल्द ही क्षेत्रिय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली पूर्वी सिंहभूम जिला के साथ-साथ पुरे झारखंड में किया जाए, ताकी झारखंड अलग राज्य का सार्थक सिद्ध हो सके l अतिथियों ने कुङमाली और संथाली भाषाओं में बच्चों के विच अपना संबोधन रखा lइस निशुल्क पुस्तक वितरण समारोह में क्षेत्र के कई गणमान्य उपस्थित रहे।जिसमें मुख्य रूप से मुखिया कांहाई माहली, अध्यक्ष मदन महतो, झारखंड आंदोलनकारी हरिशंकर महतो, डॉ आदित्य महतो , भूषण महतो, रबीन्द्र नाथ महतो, लव महतो, कुङमाली प्रोफेसर मृत्युंजय महतो, संथाली शिक्षक कुवर माहली , ग्राम प्रधान फानीन्दर महतो, बीआरसी अधिकारी पशुपति महतो, पूर्व मुखिया वीनापानी मार्डी मौजूद थे।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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