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उत्पाद सिपाही दौड़ बहाली में मृत अभ्यर्थियों के परिजनों को एक-एक लाख देगी भाजपा

On: September 3, 2024 11:02 AM
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झारखंड वार्ता न्यूज

रांची/डेस्क : भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी व असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा ने कहा कि उत्पाद सिपाही बहाली में मृतक अभ्यर्थियों के परिजनों से भाजपा नेता मुलाकात कर दुख: व्यक्त करेंगे. साथ ही परिजनों को सम्मान राशि के तौर पर एक-एक लाख रुपये देंगे. श्री सरमा ने यह घोषणा रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही.

हिमंता विश्वा सरमा ने सरकार से 50-50 लाख मुआवजा देने की मांग की

हिमंता विश्वा सरमा ने राज्य सरकार से मांग की है कि मृतक के परिजनों को 50-50 लाख मुआवजा व एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाये. अगर सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं होती है, तो पार्टी नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन के पास जायेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद मृतक के परिजनों को न्याय दिलाया जायेगा. उन्होंने कहा कि अगर मेडिकल टेस्ट के बाद भी अभ्यर्थियों की मौत हो रही है, तो सरकार को इसकी सीबीआइ जांच करानी चाहिए.

हिमंता विश्वा सरमा बोले- जल्दबाजी में की गयी है बहाली

हिमंता विश्वा सरमा ने कहा कि उत्पाद सिपाही की बहाली में जल्दबाजी की गयी है. सरकार इसे 15 सितंबर तक स्थगित करे. इसके बाद जलवायु परिवर्तन होगा. मौसम अनुकूल होगा. अक्तूबर, नवंबर व दिसंबर में बहाली की जाये. अभ्यर्थियों को दौड़ से पहले व बाद में एक-एक गिलास दूध व एक सेव देना चाहिए. रात में आनेवाले अभ्यर्थियों के ठहरने की व्यवस्था की जाये. झामुमो की ओर से कोरोना वैक्सीन की वजह से मौत होने की

बात कहे जाने पर श्री सरमा ने कहा कि यह आरोप निराधार है. असम में 20 हजार सिपाहियों की नियुक्ति हुई. किसी की मौत नहीं हुई. अग्निवीर समेत दूसरे राज्यों में सिपाही की बहाली हुई है, उसमें भी किसी की मौत की खबर नहीं आयी. सरकार बहाली की अवधि बढ़ाये. अगर चुनाव की घोषणा हो भी जाती है, तो भाजपा भी परीक्षा को जारी रखने के लिए चुनाव आयोग से आग्रह करेगा.

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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