शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– डॉ राम मनोहर लोहिया चेतना मंच के तत्वाधान में भवनाथपुर मोड़ स्थित डॉ राममनोहर लोहिया के प्रतिमा के निकट लोहिया जी की 56 वीं पुण्यतिथि समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ राममनोहर लोहिया के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आवाह्न किया। इस दौरान डॉ राम मनोहर लोहिया अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा,लेहिया जी का नाम रहेगा आदि के नारे लगा रहे थे। कार्यक्रम का उदघाटन अधिवक्ता सह भाजपा पलामू के पूर्व जिलाध्यक्ष शिवनाथ अग्रवाल ने किया।
वही पुण्यतिथि समारोह को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पुस्तकालय सलाहकार समिति संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य डॉ राजाराम महतो ने कहा कि डॉ राममनोहर लोहिया के विचारों से ही परिवर्तन होगा उन्होंने कहा कि देश,राज्य व समाज के विकास के लिये डॉ लोहिया के विचारों को अपनाना होगा।

उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि डॉ लोहिया के जीवनी पर आधारित किताब बने तथा उनकी जीवनी को डिग्री तक कि कक्षाओं में पढ़ाई जाये उन्होंने कहा कि आज तक डॉ लोहिया को भारत रत्न से सम्मानित नही किया गया है,उन्होंने सरकार से उन्हें भारत रत्न देने की मांग किया उन्होंने कहा कि पूर्वमंत्री रामचन्द्र केशरी एक सच्चे समाजवादी नेता हैं, जिन्होंने डॉ राममनोहर लोहिया की आदमकद प्रतिमा लगवाया।
इनके सोच व विचार समाजवादी है कि इन्होंने डॉ राममनोहर लोहिया के विचारों को गांव,गांव तक पहुंचाने का काम किया है उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कार्य के लिये इन्हें सम्मानित करे।डॉ राममनोहर लोहिया चेतना मंच के सचिव विजय कुमार केशरी ने कहा कि डॉ लोहिया कट्टर सिद्धान्तवादी, जुल्म,अत्याचार के घोर विरोधी,चिंतक,लेखक व समाजवादी क्रांतिकारी नेता थे उन्होंने कहा कि 57 वर्ष के उम्र में ही वे पूरी दुनिया देख चुके थे उन्होंने कहा कि आज उनके बताये मार्ग पर देश दुनिया अनुकरण कर रही है आज केंद्र सरकार की एक एक योजनाएं डॉ लोहिया के सोच के अनुरूप है।

उन्होंने लोगो से उनके विचारों को अपनाने की अपील किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंत्री सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रामचन्द्र केशरी ने कहा कि डॉ लोहिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ साथ समाजवादी विचारधारा के वाहक थे।उनके सिद्धात और आदर्श पर चलने से आज लोगों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने भारत छोड़ो आदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।9 अगस्त 1942 को जब गाँधी जी और अन्य काग्रेसी नेता गिरफ्तार कर लिए गये थे तब लोहिया भूमिगत रहकर भारत छोड़ो आदोलन को पूरे देश में फैलाया था। डॉ लोहिया ने कहा था कि बदलाव के लिए जिन्दा कौमें पाँच साल इन्तजार नहीं करती है।
