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झारखंड बिहार का वांटेड 1 लाख का इनामी रमेश टुडू एनकाउंटर में ढेर

On: April 9, 2025 6:13 AM
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बिहार :बांका जिला के कटोरिया थाना क्षेत्र के कलोथर जंगल में मंगलवार रात नक्सलियों के साथ पुलिस और एसटीएफ की मुठभेड़ की खबर है। इस मुठभेड़ में बिहार झारखंड में मोस्ट वांटेड एक लाख का इनामी नक्सली रमेश टुडू ढेर हो गया। बताया जा रहा है कि जंगल में

वह कटोरिया के बूढ़ीघाट गांव का रहने वाला था। रमेश टुडू के खिलाफ जमुई और देवघर जिले के अलग-अलग थानों में 11 मामले दर्ज थे। रमेश टुडू करीब 15 साल से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था। पुलिस और एसटीएफ सर्च अभियान चला रहीं है। नक्सलियों के अन्य ठिकानों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है।

नक्सलियों ने दहशत फैलाई थी

इस मुठभेड़ से इलाके में एक बार फिर नक्सलियों की सक्रियता का डर फैल गया है। करीब बीस साल पहले तीन नवंबर 2005 को आनंदपुर ओपी के तत्कालीन प्रभारी भगवान सिंह की बम से हत्या कर नक्सलियों ने दहशत फैलाई थी। इसके बाद जंगलों में नक्सलियों की पकड़ काफी मजबूत होती गई।

अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था

बता दें कि रमेश के खिलाफ तीस नवंबर 2011 को चन्द्रमंडी थाना में हत्या के प्रयास आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। 18 दिसंबर 2015 को हत्या और साजिश के आरोप में फिर केस दर्ज हुआ। 21 सितंबर 2018 को हत्या के मामले में तीसरा केस दर्ज हुआ। वहीं 9 जनवरी 2019 को अपहरण का केस दर्ज हुआ। 28 फरवरी 2019 को पुलिस पर हमले और आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ। 24 मई 2019 को साजिश आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम में केस दर्ज हुआ।

अपहरण का केस दर्ज हुआ

छह मार्च 2016 को चकाई थाना में हत्या और विस्फोटक अधिनियम में केस दर्ज हुआ। 27 फरवरी 2017 को देवघर के जसीडीह थाना में हत्या डकैती व आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ। 23 दिसंबर 2013 को जसीडीह थाना में डकैती और अपहरण का केस दर्ज हुआ। 17 नवंबर 2014 को चकाई थाना में चोरी व यूएपीए एक्ट में केस दर्ज हुआ। 13 जनवरी 2021 को चन्द्रमंडी थाना में आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम में केस दर्ज हुआ।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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