रांची: जमीन घोटाले के मामले में ईडी का एक बार फिर बाद एक्शन सामने आया है। कारोबारी नेक्स्ट जैन के मालिक विनय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है।उन पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रचते हुए गैर मजरूवा खास जंगल-झाड़ी भूमि की फर्जी जमाबंदी कर अवैध फायदा उठाया। यह मामला हजारीबाग थाना कांड संख्या-11/25, दिनांक 25.09.2025 के तहत दर्ज किया गया है।ACB की जांच में सामने आया कि अधिकारियों और अभियुक्तों की मिलीभगत से जंगल खाते की भूमि की फर्जी जमाबंदी की गई और उससे अवैध लाभ कमाया गया। इसी मामले में विनय कुमार सिंह को लाभार्थी क्रेता पाया गया और अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले की जांच की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी। उसी साल हजारीबाग के डीसी ऑफिस ने पांच प्लॉट की अवैध जमाबंदी रद्द कर दी थी। बाद में राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भी उस आदेश को सही ठहराया। वहीं, वन प्रमंडल पदाधिकारी, हजारीबाग पूर्वी ने 5 दिसंबर 2012 को जारी पत्र में स्पष्ट किया था कि अधिसूचित वन भूमि पर गैर-वानिकी कार्य करना भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है।
सर्वोच्च न्यायालय ने भी टी. गोदावर्मन बनाम भारत सरकार (रीट-202/95) मामले में यह आदेश दिया था कि जंगल-झाड़ी भूमि का उपयोग गैर-वानिकी कार्यों के लिए बिना केंद्र सरकार की अनुमति के नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद फर्जीवाड़ा जारी रहा।
ACB की जांच में सामने आया कि अधिकारियों और अभियुक्तों की मिलीभगत से जंगल खाते की भूमि की फर्जी जमाबंदी की गई और उससे अवैध लाभ कमाया गया। इसी मामले में विनय कुमार सिंह को लाभार्थी क्रेता पाया गया और अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।