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देवरिया: भांजे के प्यार में पागल रजिया ने कर दी पति की हत्या, ट्रॉली बैग में भरकर फेंका शव

On: April 22, 2025 10:26 AM
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देवरिया: उत्तरप्रदेश के देवरिया में रजिया खातून ने रिश्तों की परवाह किए बिना प्रेमी (ननद के बेटे यानी भांजे) के साथ मिलकर शनिवार की रात पति नौशाद की बेरहमी से हत्या कर दी। घटना को छिपाने के लिए ट्रॉली बैग में शव रखकर करीब 60 किलोमीटर दूर गेहूं के खेत में फेंक दिया।


रविवार को शव मिलने के बाद पुलिस कुछ ही घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझाने के करीब पहुंच गई। आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रेमी की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। मृतक के छोटे भाई दिलशाद की पत्नी नगमा की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

मईल क्षेत्र के भटौली गांव के रहने 35 वर्षीय नौशाद पुत्र अली अहमद विदेश में नौकरी करते थे। घर पर पत्नी रजिया खातून अपनी 10 वर्षीय बेटी अतिफा व वृद्ध ससुर अली अहमद के साथ रहती है। मृतक की बहन का निकाह भटौली गांव में ही हुआ है। मृतक के भांजा रूमान का उसके घर आना जाना था। करीब एक वर्ष से रूमान व रजिया खातून के बीच अवैध संबंध बन गए। इसको लेकर परिवार में कई बार तकरार हुई। नौशाद कुछ दिन पूर्व ही विदेश से लौटे थे। भांजा व पत्नी के बीच अवैध संबंध की जानकारी होने पर एतराज जताया व पत्नी को फटकार लगाई। इसको लेकर दोनों में कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। भांजा के साथ मिलकर पत्नी रजिया ने हत्या की साजिश रची। शनिवार की रात घर में धोखे से मिलकर पति नौशाद की हत्या कर दी। ट्रॉली बैग में शव को भर दिया।


पैर को मोड़कर ट्रॉली बैग के साथ चादर से बांध दिया। शव को चारपहिया वाहन से गांव से करीब 60 किलोमीटर दूर तरकुलवा थानाक्षेत्र के पकड़ी छापर पटखौली गांव के खेत में फेंक दिया।


मृतक नौशाद के सिर व चेहरे पर चोट के निशान थे। घर में खून के छींटे मिले तो आशंका बढ़ गई। खून से सनी अटैची भी पुलिस के हाथ लगी, जिसके बाद पुलिस ने पत्नी को गिरफ्तार किया था।

सोमवार को दो बजे के बाद डॉक्टरों की टीम पोस्टमार्टम करेगी। इसके लिए सीएमओ की ओर से टीम गठित की गई है।


मृतक नौशाद की दूसरी बहन निसात ने हत्यारोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की है। उसका आरोप था कि उसके भांजे रूमान व भाभी रजिया खातून के बीच एक वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बाधक बनने पर उसके भाई नौशाद की हत्या की गई है। घर में वृद्ध पिता अली अहमद की तबीयत ठीक न होने से घटना की जानकारी दूसरे दिन भी नहीं दी गई।

पिता की हत्या में मां के गिरफ्तार होने के बाद बेटी अतिफा बेसहारा हो गई। अब उसका कौन पालन-पोषण करेगा? इसको लेकर लोगों में चर्चा थी। वह गांव के ही स्कूल में पढ़ाई करती है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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