अभय मांझी
मनिका: प्रांतीय यादव महासभा संगठन के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में चलाए जा रहे जन जागृति अभियान के तहत रेजांगला युद्ध की पवित्र मिट्टी के साथ नगर भ्रमण के दौरान मंगलवार को मनिका पहुंचा। यादव महा सभा की स्वर्ण जयंती यात्रा पूरे देश में भ्रमण कर रही है।

इसका मुख्य उद्देश्य अहीर समाज को संगठित कर समाज की युवाओं को जागरूक करना , अधिकारों को रक्षा करना , देश के प्रति बलिदान देने वाले अहीर वीरों की गाथा को जन-जन तक पहुंचाना है। यादव महा सभा के लोगों ने बताया कि 18 नवंबर 1962 को भारत और चीन के बीच लद्दाख में रेजांगला दर्जे पर युद्ध हुआ था। जिसमें भारतीय सेना की 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी जिसे अहीर कहा जाता है। अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हुए 120 सैनिकों के साथ लगभग 1300 चीनी सैनिकों का सामना किया। कड़ाके की ठंड कम हथियार और सीमित खाना के बावजूद जवानों ने आखिरी सांस तक युद्ध में लड़ते हुए 114 वीर जवानों ने शहादत दी।

भारतीय सैन्य के इतिहास में वीरतापूर्ण लड़ाई में गिना जाता है । रेजांगला की पावन धरती से लाई गई। मिट्टी से भरे पवित्र कलश को अखिल भारतीय यादव महासभा के द्वारा पूरे देश में यात्रा निकाली गई। मनिका प्रखंड स्थित नामूदाग में पहुंची और वहां से यादव महासभा के लोगों द्वारा अगुवाई कर सिंजो शिव मंदिर के प्रांगण में पहुंची। इस दौरान अहीर रेजिमेंट के द्वारा नारे भी लगाए गए। कलश को श्रद्धांजलि अर्पित कर आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया।















