रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्रायल (MP-MLA) कोर्ट में सशरीर उपस्थिति से छूट दे दी है, हालांकि ट्रायल प्रक्रिया जारी रहेगी।
हेमंत सोरेन ने एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा पारित उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। इससे पहले, संघीय एजेंसी ED ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, क्योंकि सोरेन ED द्वारा जारी समनों का पालन नहीं कर रहे थे।
झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार, 25 नवंबर को ED द्वारा रांची स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट में दायर मामले में मुख्यमंत्री की पेशी पर लगी रोक हटा दी थी। हाई कोर्ट सोरेन की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें विशेष न्यायाधीश द्वारा जारी व्यक्तिगत उपस्थिति आदेश को चुनौती दी गई थी।
सूत्रों के अनुसार, ED ने सोरेन को कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कुल 10 समन जारी किए थे, जिनमें से मुख्यमंत्री केवल दो समनों का जवाब देने के लिए उपस्थित हुए। ED के सहायक निदेशक देवराज झा ने शिकायत में कहा था कि सोरेन ने बाकी समनों को नजरअंदाज किया।
इसके बाद ED ने 2024 में एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के समक्ष शिकायत याचिका दायर की। इस दौरान विशेष न्यायाधीश ने सोरेन को रांची स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था।
सोरेन ने इसके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में आपराधिक विविध याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ED को नोटिस जारी किया और दिसंबर 2024 तक निचली अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
इस आदेश के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिलहाल व्यक्तिगत रूप से पेश होने की बाध्यता से राहत मिल गई है, जबकि मामला अभी भी हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
ED समन मामले में सीएम हेमंत सोरेन को हाइकोर्ट से राहत, ट्रायल कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट












