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रमकंडा: पथ निर्माण विभाग की ओर से करीब 66 करोड़ की लागत से बन रहे रंका-रमकंडा सड़क चौड़ीकरण का काम रोके जाने के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया. संवेदक मेसर्स गंगा कंट्रक्शन के साइड इंचार्ज सुनील पांडेय की ओर से निर्माण कार्य बाधित करने के मामले में पांच भाजपा नेताओं सहित 10 अन्य लोगों पर रमकंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज के लिये आवेदन देने के बाद सड़क निर्माण को लेकर विरोध और बढ़ गया. वहीं सोमवार को भाजपा नेताओं सहित स्थानीय ग्रामीणों ने साइड इंचार्ज की ओर से की गयी कार्रवाई को दबंगई और ग्रामीणों की आवाज दबाने वाला कार्रवाई बताया.

बिचला टोला चौक पर जुटे भाजपा नेता राजकुमार विश्वकर्मा, प्रेमनाथ यादव, जयप्रकाश यादव, अवधेश प्रसाद, रामगृह पांडेय, बिपिन यादव, प्रमुख पति नंदलाल राम, सुनील कमलापुरी, फरेज अंसारी सहित अन्य ने कहा कि इस तरह के फर्जी मुकदमे से डरने वाले नही है. वे लोग अपनी जायज मांगों पर अड़े रहेंगे. चाहे इसके लिये उन्हें जेल क्यों न जाना पड़े. कहा कि सड़क निर्माण में अनियमितता व संवेदक की मनमानी से परेशान होकर सैकड़ो ग्रामीणों ने उक्त सड़क निर्माण कार्य को रोक कर अपनी जायज मांग रखी. जिसे संवेदक के प्रतिनिधि बबलू दुबे ने उनकी मांगों को मानते हुए ग्रामीणों को आश्वश्त किया. फिर उसके बाद फर्जी मुकदमा कराकर लोगों को डराकर आवाज को दबाया जा रहा है. कहा कि सड़क निर्माण में गड़बड़ी व अपनी मांगों को लेकर पूर्व में भी लोगों ने विरोध किया था. लेकिन पूर्व मंत्री के भय से लोगों की आवाज को दबा दिया गया. कहा कि जब तक सड़क चौड़ीकरण के लिये अधिग्रहित की गयी जमीन की मापी कराकर रैयतों को मुआवजा उपलब्ध नही कराया जाता है. तब तक बिचला टोला से मनमोहर चौक तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नही होने दिया जायेगा.

मंत्री के भगिना का धौंस दिखाते हैं कार्यपालक अभियंता: मंडल अध्यक्ष

भाजपा के रमकंडा मंडल अध्यक्ष राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि पूर्व में सड़क निर्माण में बिचला टोला दोहर पर पुलिया निर्माण के अलावे अलावे बड़का घाट केरवा, गासेदाग, तेहाड़ा में हो रहे गार्डवाल निर्माण में अनियमितता का भी विरोध हुआ. वहीं इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार से की. लेकिन कार्यपालक अभियंता ने साफ तौर पर ग्रामीणों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए लोगों को एफआईआर कराने की धमकी देने लगे. वहीं खुद को मंत्री रामेश्वर उरांव का भगिना होने का धौंस दिखाते रहे. संवेदक और इस अधिकारी की दबंगई के आगे लोग डर गये. वहीं निर्माण का विरोध करना छोड़ दिया. मंडल अध्यक्ष ने कहा कि अब ऐसा नही होगा. गुणवत्तापूर्ण निर्माण करना होगा. चाहे इसके लिये जेल भी क्यों न जाना पड़े.

इस कारण सड़क निर्माण का मामला तूल पकड़ा

दरअसल इस सड़क चौड़ीकरण के लिये भू अर्जन विभाग ने मौजा रमकंडा में तेहाड़ा से मनमोहर चौक तक दो एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके लिये अधिग्रहित भूमि से संबंधित सूचना भी अंचल विभाग जारी कर चुका है. लेकिन अभी तक इस अधिग्रहित भूमि की मापी कर मार्किंग नही किया गया. और न ही संबंधित रैयतों को मुआवजा मिला है. इसी बीच संवेदक की ओर से उक्त स्थल में बगैर मापी के ही सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. ग्रामीणों की मांग है कि बिचला टोला(दोहर पर) से मनमोहर चौक तक सड़क के लिये अधिग्रहित की गयी जमीन की मापी कर पहले अधिग्रहित भूमि से अतिक्रमण हटाया जाय. वहीं संबंधित रैयतों को मुआवजा दिया जाय. इसके बाद सड़क निर्माण कराया जाय. ऐसा  करने से सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी. वहीं बिचला टोला के इस घने बस्ती में लगनेवाले जाम की समस्या से लोगों को निजात मिल सके. लेकिन संवेदक की ओर से अतिक्रमण हटाये बिना ही सड़क निर्माण कर दिए जाने से सड़क की जमीन अतिक्रमित ही रह जायेगी. वहीं लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ेगा. इसके अलावे संवेदक की ओर से दोहर पर बने पुलिया को फिर से तोड़कर बनाने का वादा भूल जाने का भी विरोध है. चूंकि इस पुलिया में अनियमितता की पुष्टि चार माह पहले हुई थी. वहीं संवेदक ने इसे तोड़कर फिर से बनाने का वादा किया था.