झारखंड वार्ता संवाददाता
गढ़वा: समाहरणालय सभागार में सोमवार को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (वित्तीय वर्ष 2025-26) के तहत प्रखंड स्तरीय चयनित लाभुकों की सूची के अनुमोदन हेतु जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव ने की। बैठक में योजना की प्रगति, चयन प्रक्रिया और आगामी क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान प्रत्येक प्रखंड से प्राप्त लाभुक सूची की गहन समीक्षा की गई और पात्रता मानदंडों के अनुरूप लाभुक चयन को अंतिम रूप देने पर विचार-विमर्श किया गया। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में नियमों का कड़ाई से पालन, लाभुकों का सही चयन तथा अनुदान वितरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
बकरा, बतख, पिग एवं पोल्ट्री पालन योजनाओं की भी समीक्षा
उपायुक्त ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे बकरा पालन, बतख पालन, सुकर (पिग) पालन, पोल्ट्री पालन की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पशुधन आधारित योजनाएँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती हैं तथा पशुपालकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए इन योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है।
75% और 90% अनुदान वाली योजनाओं पर विशेष ध्यान
बैठक में दुधारू गाय/भैंस वितरण योजना, कमधेनु डेयरी फॉर्म, चारा विकास योजना तथा प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता योजनाओं की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांगजन, विधवा महिलाएं तथा आपदा प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाए।
समयबद्ध व पारदर्शी क्रियान्वयन की अनिवार्यता
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि लाभुक चयन से लेकर अनुदान वितरण तक की सभी प्रक्रियाएँ समयबद्ध रहें और किसी भी स्तर पर देरी नहीं हो। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया में तकनीकी पारदर्शिता, डिजिटल मॉनिटरिंग और फील्ड सत्यापन को प्राथमिकता दी जाए, ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंच सके।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, विधायक प्रतिनिधि (गढ़वा एवं विश्रामपुर), एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।














