लातेहार: जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र में शनिवार को वज्रपात की चपेट में आने से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष रामनाथ यादव (रामपुर गांव निवासी) की मौत हो गई। हादसे के बाद उनके परिजनों ने अंधविश्वासवश शव को करीब चार घंटे तक गोबर में दबाकर रखा, ताकि उन्हें दोबारा जीवन मिल सके। बाद में पुलिस और प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद शव को बाहर निकाला गया।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, रामनाथ यादव अपनी पत्नी शोभा देवी और चरवाहे के साथ पशुओं को चराने जंगल की ओर गए थे। इस दौरान अचानक मौसम खराब हो गया और बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए तीनों लोग एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। इसी बीच तेज वज्रपात हुआ और तीनों इसकी चपेट में आ गए।
स्थानीय लोगों की मदद से तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद रामनाथ यादव को मृत घोषित कर दिया। उनकी पत्नी और चरवाहे का इलाज जारी है और दोनों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
गोबर में दबाकर जीवित होने की कोशिश
रामनाथ यादव की मौत की सूचना जैसे ही घर पहुंची, परिजनों को किसी ने बताया कि वज्रपात के बाद गोबर में दबाने से व्यक्ति की जान बच सकती है। इस अंधविश्वास पर भरोसा करते हुए परिजन अस्पताल से शव को उठाकर पास के ही एक स्थान पर ले गए और वहां गोबर के ढेर में शव को दबा दिया।
परिजनों का कहना था कि यादव की सांसें अभी चल रही हैं और गोबर में दबाने से वह जीवित हो जाएंगे। इस दौरान मौके पर ग्रामीणों की भीड़ भी उमड़ पड़ी और घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद बाहर निकाला गया शव
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने की कोशिश की। हालांकि परिजन शव को बाहर निकालने के लिए तैयार नहीं थे। लगभग चार घंटे तक समझाने-बुझाने और समझौता कराने के बाद शव को गोबर से बाहर निकाला गया। रामनाथ यादव के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल भेजा गया।
क्षेत्र में चर्चा का विषय बना मामला
इस घटना ने पूरे इलाके में लोगों को हिला दिया है। राजद नेता की मौत के साथ ही अंधविश्वास में शव को गोबर में दबाने की बात चर्चा का विषय बन गई। घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने भी कहा कि आज भी कई लोग अंधविश्वास को सच मानते हैं, जिसके कारण ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।
लातेहार: वज्रपात की चपेट में आने से राजद नेता की मौत, परिजनों ने 4 घंटे तक शव को गोबर में दबाए रखा













