संत और ईश्वर सबके लिए होते हैं, ये किसी में भेद नहीं करते:- जीयर स्वामी

ख़बर को शेयर करें।

शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– पूज्य संत श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी प्रप्पन जियर स्वामी जी महाराज ने कहा की संत और ईश्वर सबके लिए होते हैं। ये किसी में भेद नहीं करते। यही कारण है कि राक्षस भी तपस्या करते हैं, तो ईश्वर बगैर किसी पूर्वाग्रह के उन्हें वरदान देते हैं।

लेकिन तप के बल पर प्राप्त बरदान का दुरूपयोग होने पर दंड भी देते हैं। सामर्थ्य एवं वैभव का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। श्री जीयर स्वामी ने श्रीमद भागवत कथा के तहत चौबीस अवतारों में नृसिंह अवतार की चर्चा करते हुए हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद के बारे में बतायी।

हिरण्यकश्यप एक बार घोर तपस्या से ब्रह्मा जी द्वारा वरदान पाकर अत्याचार करने लगा। पुनः स्वर्ग प्राप्ति की कामना से तपस्या करने गया। देव गुरू बृहस्पति सुग्गा का रूप धारण कर नारायण-नारायण की जाप करने लगे। नारायण विरोधी हिरण्यकश्यप इसे अशुभ मानकर लौट गया। वह अपनी पत्नी कयाधु से इसकी चर्चा की। कयाधु उस दिन अपने को धन्य मान रही थी कि आज मेरे पति हिरण्यकश्यप चाहे जो कारण रहा हो नारायण नारायण तो बोल रहे हैं। वह बार-बार अपने पति से उस प्रसंग की चर्चा करती रही। कयाधु ने उस दिन बार-बार नारायण के नाम वाली इस घटना की चर्चा करते हुए संतानोत्पत्ति हेतु अपने पति को राजी किया। परिणामस्वरूप नारायण भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ।

स्वामी जी ने कहा कि सुन्दर और तेजस्वी संतान की प्राप्ति के लिए माता-पिता को ईश्वर के प्रति आस्था रखते हुए अपने आचरण और व्यवहार में शुद्धता के साथ संतानोत्पत्ति का संयोग बनाना चाहिए। आज भी विज्ञान गर्भावस्था में माताओं को कुछ कार्यों से निषेद्ध तो कुछ पालन करने की सलाह देता है। सनातन धर्म में हजारों साल पहले इसकी चर्चा ऋषियों ने कर दिया है। श्री स्वामी जी ने कहा कि गृहस्थ आश्रम में संतानोत्पत्ति भी एक धर्म है। इस धर्म का पालन मर्यादा के साथ होना चाहिए। भारतीय स्मृतियों में संस्कार पर व्यापक विचार हुआ है। गर्भाधान भी एक प्रमुख संस्कार है। संस्कार-युक्त गर्भाधान से संस्कारी संतान की उत्पत्ति होती है। अच्छे व्यक्तियों से ही अच्छा समाज बनता है।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति की जैसी सोच, समर्पण और व्यवहार होता है, प्रतिफल भी उसी के अनुरूप प्राप्त होता है। स्कूल में पढ़ने वाला अपराधी का पुत्र भी अगर विद्यार्थी धर्म का पालन कर अव्वल आ जाता है, तो व्यवस्था उसके साथ न्याय करती है। उस विद्यार्थी को मेधा सूची से यह कहकर नहीं हटा दिया जाता कि उसके पिता अपराधी हैं। व्यवस्था में बैठे लोग चाहे जो करें लेकिन न्याय व्यवस्था सबके लिए समान है। न्याय, नीति और ईश्वर कतई विभेद नहीं करते। राक्षस कुल में जन्म लेने वाले प्रहलाद भी नारायण भक्त हुए तो कोई आश्चर्य नहीं।

Video thumbnail
रांची की प्रसिद्ध IVF स्पेशलिस्ट डॉ कृति प्रसाद अब गढ़वा में करेगी लोगों की बेहतर इलाज
02:38
Video thumbnail
251 जोड़ों के सामूहिक विवाह का साक्षी बनेगा गढ़वा, लोगों ने दी प्रतिक्रिया
05:26
Video thumbnail
भिक्षाटन यात्रा से गूंजा कोरवाडीह, जनसहयोग से सजेगा 251 कन्याओं का गृहस्थ जीवन
08:43
Video thumbnail
वोटिंग पूर्व 'AAP' को बड़ा झटका,दिल्ली सीएम आतिशी का पीए 15 लाख के साथ पकड़ाया,केजरीवाल के खिलाफ FIR
00:52
Video thumbnail
शहीद नीलांबर-पीतांबर टूर्नामेंट में भवनाथपुर विजेता, विकास माली ने खिलाड़ियों का बढ़ाया उत्साह
02:35
Video thumbnail
पहले से बाघ के खौफ में शहर वासी अब तीन हाथियों की एंट्री दहशत में लोग! वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
02:43
Video thumbnail
नगर ऊंटारी: सुन लीजिए साहब..! विधायक और जनता के विरोध से झुका रेल प्रशासन,फाटक बंद करने का फैसला टला
04:01
Video thumbnail
गढ़वा पुलिस की बड़ी कामयाबी: रंका आभूषण लूट का खुलासा, पीड़ित के पुत्र का दोस्त ही निकला मास्टरमाइंड
03:26
Video thumbnail
नगर उंटारी में रेलवे फाटक बंद करने के फैसले पर विवाद, झामुमो ने दी आंदोलन की चेतावनी..!
03:21
Video thumbnail
भूपेंद्र सुपर मार्केट के नए मॉल का होगा उद्घाटन, गायक अरविंद अकेला 'कल्लू' करेंगे रंगारंग प्रस्तुति
04:45
spot_img
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles