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जमशेदपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा मानकी मुंडा मांझी परगना आदि को बाइक और आवास देने की घोषणा करने पर आदिवासी एकल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू भड़क गए हैं। उन्होंने गत मंगलवार को चाकुलिया में की सीएम हेमंत के द्वारा उक्त घोषणा की तीखी आलोचना करते हुए कहा थी यह घोषणा न केवल असंवैधानिक बल्कि गैर कानूनी भी है। जरूरत पड़ेगी तो सेंगेल हाईकोर्ट में इस घोषणा के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करके आदिवासी हितों की रक्षा करेगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम की यह घोषणा आदिवासी समाज के हित के खिलाफ केवल अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने का कुत्सित प्रयास है। आदिवासी समाज की बर्बादी पर अपनी राजनीति चमकाने की घिनौनी साजिश है। सेंगेल इसका विरोध करता है, क्योंकि परंपरा के नाम पर मानकी-मुंडा, माझी परगना आदि की वंशानुगत नियुक्त से जहां अधिकांश अनपढ़, पियक्कड़, संविधान कानून आदि से अनभिज्ञ महत्वपूर्ण पद पा जाते हैं,जिससे आदिवासी गांव- समाज में जोर जबरदस्ती, रंगदारी, धौंस-पट्टी शुरू हो जाती है।

पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि इनकी सोच और क्रियाकलाप से प्रथा-परंपरा के नाम पर सभी आदिवासी गांव-समाज में नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, ईर्ष्या-द्वेष, महिला विरोधी मानसिकता, हंड़िया, दारू, चखना और रुपए पर वोट की खरीद बिक्री होती है।

सेंगेल की मांग है कि अविलम्ब मानकी-मुंडा, माझी-परगना आदि की आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक सुधार हो। वंशवाद की जगह गांव के सभी आदिवासियों की सहमति से इनकी नियुक्ति हो।