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सिसई: सरस्वती विद्या मंदिर कुदरा में संत रविदास जयंती मनाई गई

On: February 12, 2025 3:51 PM
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मदन साहु

सिसई (गुमला): रणजीत नारायण सिंह सरस्वती शिशु विद्या मंदिर कुदरा में संत रविदास जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य/दीदी जी ने प्रधानाचार्य  देवेन्द्र वर्मा के साथ दीप प्रज्जवलन तथा पुष्पार्चन कर कार्यक्रम की शुरुआत किए। भैया बहनों ने उत्साहपूर्वक रविदास साहित्य तथा जीवनी का उदाहरण दिया।

इस मौके पर बोलते हुए जयंती प्रमुख मृत्यंजय कुमार मिश्र ने कहा कि संत रविदास , संत कबीर , संत तुलसीदास , गुरु नानक देव जी, सभी एक ही परंपरा के अनुयायी थे ‘भक्ति परंपरा’। इन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ और ‘ प्रेम ‘ इनकी रचनाओं का मूल बिंदु रहा। संत रविदास के बारे में कक्षा षष्ठम से भैया हर्ष , बहन दिव्या , बहन सृष्टि , कक्षा सप्तम से बहन कुमकुम व अन्य भैया बहनों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।

संत गुरु रविदास के बारे में बोलते हुए प्रधानाचार्य देवेन्द्र वर्मा ने कहा कि कर्म ही पूजा है श। संत रविदास ने इसे सिद्ध किया और अपना कर्म करते हुए ही अपने कठौती में मां गंगा को प्रकट होने के लिए मजबूर कर दिया। इसलिए कहा जाता है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। ममता दीदी जी ने धन्यवाद ज्ञापन दिए और शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य आचार्या एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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