निरंजन प्रसाद
सरयू: लातेहार के सरयू प्रखंड के घासी टोला पंचायत अंतर्गत ग्राम दोरम के उभका टोला के ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। करीब 50 से 55 परिवारों की आबादी वाला यह टोला मनातू मुख्य मार्ग से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है।ग्रामीणों का कहना है कि आठ वर्ष पूर्व यहां सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। लोगों को उम्मीद थी कि सड़क बनने से आवागमन सुगम होगा और बच्चों को स्कूल आने-जाने में सुविधा मिलेगी। लेकिन संवेदक की लापरवाही के कारण काम अधूरा छोड़ दिया गया। वहीं नाले पर आज तक पुल का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो सका।बरसात के दिनों में पुल नहीं होने से सबसे अधिक दिक्कत बच्चों को उठानी पड़ती है। उन्हें स्कूल जाने के लिए नाले को पार करना पड़ता है, जिससे हर वक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दर्जनों बच्चे रोजाना जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने जाते हैं।ग्रामीणों का कहना है कि पुल नहीं होने की वजह से मरीजों को खाट पर चार किलोमीटर तक उठाकर मनातू पहुंचाना पड़ता है, उसके बाद ही उन्हें अस्पताल मिल पाता है। बरसात में यह समस्या और विकराल हो जाती है। करीब तीन साल पहले सड़क और पुल की कमी के कारण प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला की मौत हो गई थी। मृतका रामलगन सिंह की पत्नी थीं। इलाज के अभाव में हुई इस दर्दनाक घटना को ग्रामीण आज भी याद कर सिहर उठते हैं।खरीदन सिंह, जगेश्वर सिंह, सुखन सिंह, दयाली सिंह, चरकु लोहरा, कन्हाई लोहरा, बिनोद लोहरा, जगनारायण लोहरा समेत कई ग्रामीणों ने कहा कि अधूरी सड़क और पुल की कमी से गांव का विकास थम गया है। चुनाव के समय नेता वोट मांगने जरूर आते हैं और बड़े बड़े वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई पीछे मुड़कर नहीं देखता।राहगीर मोहम्मद सफीक ने बताया कि अधूरी सड़क पर बाइक निकालना भी बेहद कठिन है। कई बार चार लोगों को धक्का लगाना पड़ता है, तब जाकर वाहन नाले को पार कर पाते हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द अधूरी सड़क का निर्माण कार्य पूरा कराने और नाले पर पुल बनाने की मांग की है, ताकि उन्हें इस कठिनाई से निजात मिल सके।