ख़बर को शेयर करें।

गढ़वा: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी खुद भस्मासुर है। 2009 के चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीता परंतु 2014 के चुनाव में भाजपा में शामिल हो गए और पहली बार विधानसभा भेजने वाली पार्टी को जिले में भस्म कर दिया। भाजपा से चुनाव जीतने के बाद असली बीजेपी नेताओं को गाली-गलौज कर उन्हें पार्टी से दरकिनार कर अपना कंघी छाप गुट को हावी कर दिया। पूरे 10 साल के अपने कार्यकाल में विधायक कोटा और अलकतरा घोटाला को अंजाम देकर जनता की अपेक्षा और विकास योजनाओं को भस्म करने का काम किया।

वर्तमान के 7 महीने के कार्यकाल में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पुनः झूठ बोलने और दुष्प्रचार करने में लगे हुए हैं। अपने नाकामी को छुपाने का सबसे कारगर उपाय उन्हें धार्मिक धुर्वीकरण लगता है। दुलदुलवा में हनुमान मंदिर तोड़ने की कोई बात ही नहीं हो रही है लेकिन विधायक के द्वारा उसे तोड़े जाने का दुष्प्रचार किया जा रहा है। असल में उनका मकसद सड़क निर्माण एजेंसी से अपना कमीशन वसूलने का है। इस तरह का प्रोपेगेंडा फैलाकर वह निर्माण काम बाधित कर कमीशन वसूलना चाहते हैं। पूर्व में भी इनके द्वारा ठेकेदारों को कमिश्न वसूलने के लिए गाली-गलौच किया जा चुका है।

विगत चुनाव में अपने गुट के कुछ मुस्लिम नेताओं के द्वारा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने लखना में विसर्जन के लिए जा रहे मां दुर्गा की प्रतिमा को रुकवाने का काम किया था। यह सारी साजिश चुनाव में ध्रुवीकरण कर वोट लेने के लिए किया गया था। खुद को सनातनी दिखाने वाले विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी चुनाव से पूर्व राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अचला कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों को आराम फरमाने को लेकर राजनीतिक बयान बाजी कर रहे थे ताकि बाईपास निर्माण का कार्य बाधित हो और उन्हें इसका राजनीतिक फायदा मिले।

असलियत तो यह है कि इन्हें सनातन से कोई लेना-देना ही नहीं है विगत 10 साल के कार्यकाल और वर्तमान के 7 महीने का कार्यकाल में उनके द्वारा किसी भी मंदिर, दुर्गा मंडप, शिव मंदिर, छठ घाट जैसे धार्मिक स्थलों का ना तो निर्माण कराया गया ना हीं उसमें आंशिक सहयोग प्रदान किया गया है। बल्कि खोण्हरनाथ मंदिर जाने वाली सड़क में भूमि दान करने वाले मुस्लिम समाज के लोगों के खिलाफ उकसावे वाली बयानबाजी कर जिले की सामाजिक समरसता को खत्म करना चाहते हैं। जबकि मध्य पंचायत में स्थित अंजान शहीद में वहां के सनातनी लोग गाड़ी पड़ाव का जगह देते हैं।

पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर पर उंगली उठाने वाले सत्येंद्र नाथ तिवारी को यह पता होना चाहिए की अपने कार्यकाल में मिथिलेश ठाकुर ने विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के गृह पंचायत में स्थित खोण्हरनाथ मंदिर का कायाकल्प, बनपुरवा गांव में शिव मंदिर निर्माण, हूर मोड से आगे बिरहा पर हनुमान मंदिर निर्माण, पूरनचंद चौक के पास गोरेया बाबा का मंदिर निर्माण, मां गढ़देवी मंदिर का तोरण द्वार एवं गुंबज निर्माण, लगमा स्थित तालाब में सूर्य मंदिर निर्माण, उड़सूगी में दुर्गा मंदिर, जाटा पंचायत में सूर्य मंदिर, शिव मंदिर एवं दुर्गा मंदिर निर्माण में सहयोग, मेराल में देवी मंदिर में मंडप निर्माण सहित सहयोग, महुलिया में छठ घाट निर्माण सहित गढ़वा विधानसभा के 73 पंचायतों में अनेकों छठ घाट, चबूतरा एवं मंदिर में पूर्ण या आंशिक सहयोग प्रदान की गई। कई धार्मिक स्थल पर हाई मास्ट स्ट्रीट लाइट लगाया गया। लेकिन 11 साल के कार्यकाल में सत्येंद्र नाथ तिवारी के पास सनातन के प्रति किए गए एक भी काम का ब्यौरा नही है।

झामुमो ने जिला प्रशासन से यह भी मांग किया है कि धार्मिक उन्माद फैलाने वाले तथा झूठा दुष्प्रचार करने वाले गढ़वा विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

प्रेस वार्ता में अशर्फी राम, रामसागर यादव, शरीफ अंसारी, तनवीर आलम मौजूद थे।