नई दिल्ली: देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) प्रक्रिया का दूसरा चरण आज, मंगलवार से शुरू हो गया है। यह चरण देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ संचालित होगा, जबकि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। इस बड़े पुनरीक्षण अभियान में कुल 51 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नामों की जांच और अद्यतन किया जाएगा।
पहला चरण बिहार में पूरा किया जा चुका है, जहां 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित हुई थी। बिहार में इस दौरान लगभग 7.42 करोड़ मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए थे।
किन राज्यों में शुरू हुई प्रक्रिया?
SIR की प्रक्रिया जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू की गई है, उनमें शामिल हैं:
• अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
• लक्षद्वीप
• छत्तीसगढ़
• गोवा
• गुजरात
• केरल
• मध्य प्रदेश
• पुडुचेरी
• राजस्थान
• तमिलनाडु
• उत्तर प्रदेश
• पश्चिम बंगाल
इनमें से तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं, इसलिए इन इलाकों में मतदाता सूची का अद्यतन राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है।
असम को लेकर विशेष व्यवस्था
असम में नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जारी है, इसलिए वहां SIR का कार्यक्रम अलग से घोषित किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि असम में लागू नागरिकता प्रावधानों के चलते यह आदेश वहां लागू नहीं होता।
समयसीमा और चरण
SIR अवधि: 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025
मसौदा मतदाता सूची: 9 दिसंबर 2025
अंतिम सूची: 7 फरवरी 2026
इसी तरह की व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया इससे पहले वर्ष 2002–2004 के बीच की गई थी।
उद्देश्य: सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची
निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस विशेष अभियान का लक्ष्य है, किसी भी पात्र नागरिक का नाम नहीं छूटे। अपात्र नामों को सूची से हटाया जाए। विशेषकर अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान और नाम विलोपित किए जाएं। खासकर बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों पर विशेष फोकस रहेगा।
बिहार में विरोध, फिर सहमति
बिहार में प्रक्रिया शुरू होने के समय विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि दस्तावेज़ों की कमी से लाखों–करोड़ों पात्र मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जहां आयोग ने भरोसा दिलाया कि किसी भी भारतीय नागरिक को मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा। अंतिम सूची जारी होने के बाद विवाद ठंडा पड़ गया।
आगे क्या?
SIR के दौरान घर–घर सत्यापन और दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी। आयोग का दावा है कि इस प्रक्रिया से मतदाता सूची ज़्यादा पारदर्शी, सटीक और विश्वसनीय बनेगी, जिससे 2026 के चुनावी माहौल पर बड़ा असर पड़ेगा।
12 राज्यों व 3 केंद्र शासित प्रदेशों में आज से SIR का दूसरा चरण शुरू, अंतिम सूची 7 फरवरी को











