गढ़वा: जिले के सुप्रसिद्ध गढ़देवी मंदिर में दुर्गा पूजा को लेकर की गई सुरक्षा व्यवस्था अब सवालों के घेरे में है। श्रद्धालुओं का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात कुछ सुरक्षाकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालने के बजाय आराम फरमा रहे हैं। यही नहीं, कई जवान बिना नाम-प्लेट लगाये ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में लोगों में सुरक्षा का भरोसा जगाने के बजाय भय और असंतोष का माहौल बना हुआ है।
पत्रकार से अभद्रता, आमजन से बत्तमीजी
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मी न सिर्फ श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार कर रहे हैं बल्कि मीडिया प्रतिनिधियों से भी अभद्रता करने से बाज नहीं आ रहे। जानकारी के अनुसार, जब एक स्थानीय पत्रकार ने सुरक्षाकर्मियों से ड्यूटी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल करना चाहा, तो जवान भड़क गए। उन्होंने कहा – तुम कौन होते हो हमसे सवाल पूछने वाले? जो करना है कर लो। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इतना ही नहीं, सुरक्षाकर्मियों ने यह तक कह डाला कि “चाहे एसपी से कहो या थाना प्रभारी से, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।” सुरक्षाकर्मियों के इस बयान ने न केवल पत्रकारों बल्कि आम श्रद्धालुओं को भी आश्चर्यचकित कर दिया। लोगों का कहना है कि दुर्गा पूजा जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, वहां सुरक्षाकर्मियों का इस तरह का रवैया बेहद आपत्तिजनक है।
तानाशाही रवैया बना भय का कारण
मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं का कहना है कि सुरक्षा बलों के तानाशाही रवैये ने पूजा में खलल डाल दिया है। लोग सुरक्षा की जगह डर महसूस कर रहे हैं। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि मंदिर परिसर में सुरक्षा बल ड्यूटी पर सजग रहने के बजाय एक जगह बैठकर आराम कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर उनसे सहयोग लेना मुश्किल हो रहा है।
स्थानीय लोगों की मांग – कार्रवाई हो
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस-प्रशासन को चौकस रहना चाहिए, लेकिन गढ़देवी मंदिर में तैनात सुरक्षा बलों के व्यवहार ने पूरे तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए, ताकि श्रद्धालु बिना भय के पूजा-अर्चना कर सकें।
गढ़देवी मंदिर का महत्व
गढ़वा जिला मुख्यालय स्थित गढ़देवी मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्र के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु माता की पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं। भीड़ को देखते हुए हर साल प्रशासन विशेष सुरक्षा व्यवस्था करता है।
क्या कहते हैं लोग
सुरक्षाकर्मी लोगों से अभद्रता कर रहे हैं। हमें सुरक्षा का भरोसा दिलाने की जगह डराया जा रहा है – स्थानीय श्रद्धालु।
पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है – एक मीडियाकर्मी।
जिला प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए – स्थानीय बुद्धिजीवी।