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बजट पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं देखें

On: February 1, 2025 3:52 PM
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भारतीय मजदूर संघ झारखंड प्रदेश जमशेदपुर विभाग प्रमुख अभिमन्यु सिंह बोले

जमशेदपुर:माननीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण जी के द्वारा आज दिनांक 1 फरवरी 2025 को पेश किये गये आम बजट में गरीब, किसान ,महिला,कर्मचारी, मध्यम एवं सभी वर्गीय परिवार जनों पर विशेष ध्यान दिया गया। यह बजट आय कर देने वाले कर्मचारियों को कुछ राहत प्रदान किया गया है जिससे 12 लाख के अंतर्गत आने वाले आय के मजदूरों को आय कर से मुक्त रखा गया इसलिए भारतीय मजदूर संघ इस आम बजट को सराहना करते हुए कहता है कि मजदूरों के लिए संतोषजनक एवं देश के लिए आत्मनिर्भर बजट है।


चुनाव को ध्यान में रख कर बनाया गया राहत देने वाला बजट : जम्मी भास्कर, झारखंड प्रदेश इंटक प्रवक्ता एवं काँग्रेस प्रवक्ता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 पर झारखंड प्रदेश इंटक एवं काँग्रेस प्रवक्ता जम्मी भास्कर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की बजट में वेतन-भोगियो एवं मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की घोषणा की गई है, टैक्स में छूट से मजदूर वर्ग को राहत मिलेगी। हालांकि, बजट में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं। कुल मिलाकर, बजट में विकास और वित्तीय अनुशासन के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन इसके प्रभाव का आकलन समय के साथ ही हो सकेगा।


सीटू के सभी मांगों को बजट में नजरअंदाज किया गया: विश्वजीत देव

दिसंबर-2024 में ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा, वित्त मंत्री के समक्ष , बजट पर रखे गए प्रस्ताव में संयुक्त मंच ने अपनी निम्नलिखित मांगों को दोहराया था, जिसमें महंगाई पर नियंत्रण के लिए कदम, जीएसटी और उत्पाद शुल्क में कमी, मध्यम वर्ग के लोगों को आयकर में राहत और कॉरपोरेट्स और अति अमीर पर अधिक टैक्स; सरकारी विभागों में सभी मौजूदा रिक्तियों को तुरंत भरना; मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाना, शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना को लागू करना, सार्वजनिक संगठनों के निजीकरण और राष्ट्रीय संसाधनों की लूट को रोकना, वैधानिक एमएसपी सुनिश्चित करना, खेत मजदूरों, ठेका मजदूरों, गिग वर्करों, स्कीम वर्करों, अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों आदि सहित हाशिए पर पड़े मेहनतकश लोगों को राहत और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था । लेकिन करीब करीब सभी मांगों को बजट प्रस्तावों में नजरअंदाज किया गया ।

एक वाक्य में बजट प्रस्ताव – , “EASE OF DOING BUSINESS, FDI और PPP मॉडल के नाम पर लगभग सौ कॉर्पोरेट घरानों के लिए एक बड़ा केक, लगभग एक करोड़ मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए छोटी सी चेरी और सवा सौ करोड़ जनता लिए जुमला और शब्दों की बाजीगरी।

1) बजट प्रस्ताव का उद्देश्य बिजली, बीमा, खान एवं आधारभूत संरचना के निजीकरण और तेज करना तथा कृषि की कॉरपोरेटाइजेशन को और बढ़ावा देना है।

2) बड़ा विश्वासघात: (a) कल्याणकारी योजनाओं एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकारी व्यय एक बार फिर कम कर दिया गया है। (b) किसानों के लिए वैधानिक एमएसपी पर कोई घोषणा नहीं (c) शहरी रोजगार गारंटी योजना के लिए कोई घोषणा नहीं, (d) सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए कोई प्रत्यक्ष कदम नहीं (e) असंगठित, अनुबन्धित, अनौपचारिक और ठेका कामगारों के लिए कोई ठोस सुझाव नहीं। गिग वर्करों के कल्याण और न्याय के नाम पर केवल ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण का प्रस्ताव दिया गया है, और संबंधित लाभ केवल असंगठित श्रमिकों की तरह ही सीमित रहेंगे। किसी कल्याण कोष का आवंटन नहीं किया गया है।(f) पेट्रोलियम उत्पाद शुल्क दरों में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं – लूट जारी रहेगी

3) अप्रत्यक्ष करों से संबंधित विधायी संशोधनों के माध्यम से जीएसटी कानून पर कोई प्रस्ताव नहीं, जैसा कि ट्रेड यूनियनों द्वारा आवश्यक खाद्य वस्तुओं, दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी नहीं लगाने की मांग की गई है।

4) अति धनवानों संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर पर नहीं लगाया गया है, बल्कि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और प्रदर्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) के लिए आवंटन जारी रखा गया है।

इन सभी विश्वासघात के विरोध में 5 फरवरी को पूरे देश में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें विरोध प्रदर्शन करेंगी और बजट प्रस्तावों की प्रतियां जलाएंगी।

मोदी सरकार के बजट में आम जनता और गरीबों के लिए कुछ राहत नहीं है : सुधीर कुमार पप्पू

मोदी सरकार ने जो आज बजट पेश किया उसने आम जनता और गरीबों के लिए कुछ नहीं है। लोक लुभावना और जनता को ठगने वाला बजट है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बजट बकवास है। समाजवादी चिंतक और अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बातें कही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार झूठ की सरकार है 10 सालों में जो भी बजट पेश किया गया किसी को पूरा नहीं किया गया। किसानों युवाओं गरीबों मजदूरों और आम जनता के लिए बजट में कोई राहत की बात नहीं है। बिहार और झारखंड के साथ अनदेखी की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने हर साल की तरह इस साल भी बकवास बजट पेश किया है। अमीरों को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है। रेलवे के क्षेत्र में भी कुछ लग्जरी ट्रेन चलाई जाएगी और गरीबों को कोई

राहत नहीं मिलेगी। पिछले वर्ष जो भी वादे किए गए थे वह वादे आज तक पूरा नहीं हुए। मोदी सरकार का इंजन फेल हो चुका है और पटरी से उतर चुकी है। केंद्रीय सरकार का यह बजट चुनावी बजट है।


Tax slab का दायरा बढ़ाना सराहनीय,पर बेरोजगारी मिटाने के लिए कोई कदम नहीं:एस आर बी के यू

आज देश के बजट में सरकार द्वारा न्यु टैक्स रिजीम के तहत 12लाख तक की आमदनी पर टैक्स फ्री करना व टैक्स स्लैव की सीमा को बढाना सराहनीय कदम है इससे मध्यम वर्ग व वेतनभोगी को फायदा होगा।पर बजट में देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभानेवाली रेलवे के आधारभुत संरचना,उसमें नियुक्ति व कर्मचारियों की सुविधा पर कुछ भी नहीं किया।देश में मँहगाई व बेरोजगारी मिटाने हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।टैक्स के अलावे organise व unorganise Sector के मजदुरों का ख्याल नहीं रखा।पहले रेल रेल बजट अलग से आने से रेलवे को बिशेष पैकेज मिलती थी पर इस द्श की सबसे बडी बार employer रेलवे को नजर अंदाज किया है।

सागर प्रसाद यादव, अध्यक्ष,स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी युनियन(एस आर बी के यु),चक्रधरपुर मंडल,दक्षिण पूर्व रेलवे।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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