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गढ़वा में दहेज हत्या का सनसनीखेज मामला: शादी के तीन महीने बाद युवती की संदिग्ध मौत, ससुराल वालों पर गंभीर आरोप

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गढ़वा: जिले के कोरवाडीह गांव में एक 19 वर्षीय नवविवाहिता पुष्पा देवी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। शादी के महज तीन महीने बाद ही पुष्पा की लाश उसके ससुराल में पाई गई, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। इस घटना के बाद मृतका के मायके वालों ने दहेज के लिए हत्या का गंभीर आरोप ससुराल पक्ष पर लगाया है।

क्या है मामला?

पुष्पा देवी की शादी करीब तीन महीने पहले कोरवाडीह गांव निवासी युवक से हुई थी। परिजनों का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। मृतका के पिता ने बताया कि बेटी को फोन पर परेशान होने की बात बताई थी और वह कई बार मायके आना चाहती थी, लेकिन ससुराल वाले उसे आने से रोकते थे।

संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश, ससुराल वाले फरार

घटना के दिन पुष्पा की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। परिजनों को जब सूचना मिली, तो वे दौड़े-दौड़े ससुराल पहुंचे, लेकिन तब तक ससुराल वाले घर छोड़कर फरार हो चुके थे। इससे मामला और भी संदेहास्पद हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के बाद से ही पूरा ससुराल पक्ष लापता है।

NH-75 पर शव के साथ प्रदर्शन

गुस्साए परिजनों ने पुष्पा के शव को गढ़वा सदर अस्पताल लाकर वहां से NH-75 पर जाम लगा दिया। उन्होंने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। मृतका के परिजन बार-बार यही कह रहे थे कि उनकी बेटी की हत्या की गई है, और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है।

पुलिस कार्रवाई

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। काफी प्रयासों के बाद जाम हटवाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने ससुराल पक्ष की तलाश शुरू कर दी है और सभी एंगल से जांच की जा रही है।

मृतका के पिता का बयान

पुष्पा के पिता का कहना है कि शादी के कुछ ही दिनों बाद ससुराल पक्ष का व्यवहार बदल गया था। उनकी बेटी को छोटी-छोटी बातों पर मारा-पीटा जाता था। उन्होंने यह भी बताया कि जब भी पुष्पा मायके आना चाहती, उसे रोक दिया जाता। “अगर समय पर हमें जानकारी मिल जाती, तो शायद आज हमारी बेटी जिंदा होती,” उन्होंने आंखों में आंसू लिए कहा।

निष्कर्ष

गढ़वा में हुई यह घटना न केवल समाज के लिए शर्मनाक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि दहेज जैसी कुप्रथाएं आज भी जड़ें जमाए बैठी हैं। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलवाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

Vishwajeet

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