गौमाता की सेवा एवं पंचगव्य का सेवन सर्वपापनाशक, सर्वदुखनाशक, कल्याणकारी, सुखदायक एवं मंगलकारी है : डॉ कौशल कुमार
रांची: जिस प्रकार से असाध्य रोगों में जब अन्य चिकित्सा पद्धति हाथ खड़े कर देते हैं तब उससे पंच गव्य चिकित्सा पद्धति से रोगों का निवारण पूर्णतः संभव होता है। झारखंड की राजधानी रांची, के कांके रोड में खुला पंचगव्य चिकित्सा केंद्र, जहां पर कई असाध्य रोगों की चिकित्सा होगी। इस केंद्र में चिकित्सा बिल्कुल फ्री की जाती है और आज के समय में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर कौशल कुमार ने अपनी योग्यता और अनुभव के साथ कई रोगों का इलाज बहुत ही काम खर्चों में करने का प्रण लिया है। कई ऐसे असाध्य रोग हैं जिनका इलाज एलोपैथ में रोगी करवा कर थक चुके हैं वहां पर आयुर्वेद चिकित्सा जा पंचगव्य चिकित्सा, जटिल से जटिल बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। जैसे मधुमेह, कब्ज, वात् पित्त, कफ, दमा, अस्थमा, खांसी, त्वचा संबंधी संपूर्ण रोग, लिकोडर्मा, गठिया, नस संबंधित दर्द, बालों का झड़ना, मासिक धर्म की समस्या, दाग धब्बे, किल मुहांसे, पायरिया, मुंह से बदबू आना, दांत कमजोर होना, कैंसर के घाव, दाद खाद खुजली, सोरायसिस, एग्जिमा, हृदय संबंधित रोग, रक्त की कमी, माइग्रेन ऐसी कई बीमारियां हैं जिससे लोग परेशान हैं। उनका इलाज डॉ कौशल अग्रवाल अपनी चिकित्सा पद्धति से सफल इलाज कर रहे हैं।
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