Credit Card Bill Payment: सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट पर हाई ब्याज लगाने की परमिशन दे दी है। शुक्रवार, 20 दिसंबर को बैंकों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें बिलों के भुगतान में देरी पर क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर सालाना 30% सीमित कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंज्यूमर फोरम के इस फैसले पर रोक लगा दी है। क्रेडिट कार्ड यूज करने वाले ग्राहकों को अब से क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट लेट होने पर 36-50 फीसदी तक का ब्याज देना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है और ये फैसला जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली बेंच ने दिया है।
दरअसल, एनसीडीआरसी (NCDRC) ने साल 2008 को अपने एक फैसले में कहा था कि क्रेडिट कार्ड यूजर्स से 36 से 50 फीसदी सालाना ब्याज लेना बहुत ज्यादा है। इसे गलत ट्रेड प्रेक्टिस बताते हुए लेट पेमेंट फीस के लिए ब्याज की लिमिट 30 फीसदी पर तय कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी के इस फैसले पर रोक लगा दी है और इससे बैंकों को राहत मिली है।