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राहे :- शहीद बिरसा मुंडा चौंक नुरू एवं ठूंगरडीह में सिद्धों – कान्हु 169 वीं हुल दिवस सम्मान पूर्वक मनाया गया। शहीद सिद्धों – कान्हु, चांद – भैरव,फूलों झानों अमर रहें 20 हजार से ज्यादे हुल के शहीदों अमर रहे जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष तेज़ करो, खनिज संपदा में किसानों की हिस्सेदारी देना होगा, पलायन, विस्थापन पर रोक लगाओ, कारपोरेट भगाओ झारखंड बचाओ , महंगाई, बेरोजगारी, निजीकरण पर रोक लगाओ आदि नारे लगरहेथे मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने हुल की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा 1855 का सिद्धों – कान्हु हुल अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहला जनक्रांति था। जिसमें 20 हजार से ज्यादे आदिवासी किसानों ने शहादत दिया था आज जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए नये हुल की जरूरत है सब कुछ कारपोरेट के हवाले करने के खिलाफ हुल जरूरी हो गया है। इसके अलावे शंकर मुंडा, मधुसूदन मुंडा, शोभा राम महतो, जगन्नाथ मुंडा, संजय मुंडा,मनसा मुंडा, बिरसा मुंडा,एतो मुंडा, मंगल मुंडा सुखराम मुंडा,गनेश मुंडा, शिशुपाल मुंडा, सुदर्शन मुंडा,सोमा मुंडा,आकला स्वासी, श्रीकान्त कुम्हार,सितम्बर मुंडा आदि उपस्थित थे।