रांची: झारखंड में प्रस्तावित मतदाता गहन विशेष पुनरीक्षण (SIR) इस बार पहले से कहीं अधिक कड़ा और व्यापक होने वाला है। राज्य में करीब 12 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया लगभग तय मानी जा रही है। अगर तय समय-सारिणी के अनुसार काम आगे बढ़ा, तो फरवरी 2026 से एसआईआर के दूसरे चरण की औपचारिक शुरुआत कर दी जाएगी। आयोग ने झारखंड सहित सभी संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नए और अधिक सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
1 जनवरी 2026 होगी अर्हता तिथि
निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानकर कराए जा रहे एसआईआर में किसी भी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निर्देशों के तहत जिन मतदाताओं को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) की ओर से नोटिस दिया जाएगा, उन्हें अपनी पात्रता से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य रूप से जमा करने होंगे। जरूरत पड़ने पर पिछली विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया से संबंधित मैपिंग या अन्य प्रमाण भी मांगे जा सकते हैं।
BLO ऐप के जरिए होंगे दस्तावेज अपलोड
मतदाताओं द्वारा दिए गए सभी प्रमाण पत्र बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ऐप के माध्यम से अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी इन दस्तावेजों की गहन जांच करेंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि दस्तावेजों का सत्यापन सीधे संबंधित जारीकर्ता प्राधिकरण से कराया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया ईसीआईनेट (ECINet) प्लेटफॉर्म के जरिए संचालित होगी और दस्तावेज प्राप्त होने के अधिकतम पांच दिनों के भीतर उनकी जांच पूरी करनी होगी।
दूसरे जिले और राज्य के दस्तावेज भी जांच के दायरे में
यदि कोई प्रमाण पत्र उसी राज्य के किसी अन्य जिले से जारी किया गया है, तो उसे ईसीआईनेट के माध्यम से संबंधित जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा। जांच के बाद दस्तावेज पुनः वापस भेजे जाएंगे।
वहीं, अगर दस्तावेज किसी दूसरे राज्य के प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए हैं, तो उन्हें झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के माध्यम से संबंधित राज्य के CEO को भेजा जाएगा, ताकि त्वरित सत्यापन सुनिश्चित हो सके।
सभी जिलों को सख्ती से निर्देश
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने एसआईआर को लेकर राज्य के सभी जिलों को पत्र भेजकर निर्वाचन आयोग के ताजा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। उन्होंने मतदान केंद्रों के युक्तिकरण कार्य पर संतोष जताया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों और उनके क्षेत्रों की जियो-फेंसिंग भी कराई जा रही है, जिससे मतदाता कवरेज और निगरानी व्यवस्था और मजबूत हो सके।
बिना नंबर वाले मकानों को मिलेगा नोशनल नंबर
एसआईआर के दौरान ऐसे नए मकान या जिन मकानों पर कोई संख्या दर्ज नहीं है, उन्हें नोशनल नंबर दिया जाएगा। इससे संबंधित मतदान केंद्र के बीएलओ को घर-घर पहुंचने में सुविधा होगी और कोई भी पात्र मतदाता सूची से बाहर न रह जाए।
फर्जी दस्तावेजों पर लगेगी रोक
चुनाव आयोग के इस कदम को मतदाता सूची से फर्जी और अपात्र मतदाताओं को हटाने की बड़ी पहल माना जा रहा है। हाल के महीनों में कई राज्यों से फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर मतदाता बनने के मामले सामने आए थे, जिसके बाद आयोग ने यह सख्त रुख अपनाया है।











