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SIR अभियान के दौरान बीएलओ पर नहीं चलेगी राज्य सरकारों की मनमानी, EC ने जारी किया सख्त आदेश

On: October 24, 2025 7:13 PM
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नई दिल्ली: मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि जहां भी SIR शुरू होगा, वहां के बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) सीधे चुनाव आयोग के अधीन रहेंगे। अभियान की अवधि तक न तो किसी BLO का ट्रांसफर किया जाएगा और न ही उन्हें चुनावी कार्यों के अलावा कोई अन्य ड्यूटी सौंपी जाएगी।

आयोग के आदेश से बड़ी राहत

चुनाव आयोग के इस आदेश से उन हजारों बीएलओ को राहत मिली है, जिन्होंने हाल ही में अपनी सुरक्षा और कार्य परिस्थितियों को लेकर चिंता जताई थी। पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में SIR की तैयारी के बीच यह कदम उठाया गया है। आयोग का कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बीएलओ बिना किसी बाहरी दबाव के अपने काम को स्वतंत्र और सुरक्षित माहौल में पूरा कर सकें।

SIR पूरी तरह डिजिटल होगा

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी और केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक की। इस बैठक में SIR की तैयारियों की समीक्षा की गई। आयोग ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चलेगा। बीएलओ मोबाइल ऐप के माध्यम से घर-घर जाकर मतदाता विवरण सत्यापित करेंगे, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और रीयल-टाइम निगरानी योग्य बनेगी।

नवंबर से जनवरी तक चलेगा विशेष अभियान

पश्चिम बंगाल में यह विशेष अभियान नवंबर के पहले सप्ताह से जनवरी के अंत तक चलेगा। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना, फर्जी वोटरों के नाम हटाना, मृत मतदाताओं की प्रविष्टि समाप्त करना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना है। यह कदम 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों का हिस्सा है।

शिक्षकों को केवल चुनावी ड्यूटी

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि SIR अवधि में बीएलओ, जो प्रायः सरकारी स्कूलों के शिक्षक होते हैं, उन्हें केवल चुनाव से जुड़ा कार्य ही सौंपा जाएगा। स्कूलों की अतिरिक्त जिम्मेदारियां जैसे गैर-शैक्षणिक गतिविधियां, प्रशासनिक कार्य आदि उनसे नहीं करवाए जाएंगे। साथ ही, शिक्षकों को केवल गैर-शिक्षण समय, छुट्टी या स्कूल समय के बाद ही इस अभियान से जुड़ी जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

पैरा-टीचर्स को नहीं बनाया जाएगा BLO

इस बीच, पश्चिम बंगाल के सीईओ कार्यालय ने हाल ही में सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर कहा था कि पैरा-टीचर्स को BLO की जिम्मेदारी न दी जाए। विपक्षी दलों ने भी संविदा कर्मियों को इस संवेदनशील कार्य में लगाने का विरोध किया था, जिसे आयोग ने स्वीकार कर लिया है।

प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्थिरता पर जोर

चुनाव आयोग का कहना है कि SIR टीम के किसी भी सदस्य का तबादला अभियान के दौरान नहीं किया जाएगा, ताकि प्रक्रिया में निरंतरता बनी रहे और किसी प्रकार की राजनीतिक या प्रशासनिक बाधा न आए।

यह कदम न सिर्फ मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की दिशा में अहम है, बल्कि इससे BLOs को सुरक्षा और स्थिरता की गारंटी भी मिलेगी, जिससे वे निष्पक्ष तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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