नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने देश भर में मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की तैयारी पूरी कर ली है। यह व्यापक अभियान नवंबर से शुरू होगा और मार्च 2026 तक सभी राज्यों में नई मतदाता सूची तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
आयोग के अनुसार, SIR का कार्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि मई 2026 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जैसे- केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी वहां भी यह प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।
दो दशक बाद हो रहा गहन पुनरीक्षण
करीब 20 साल बाद देश में मतदाता सूचियों की इस तरह की गहन समीक्षा की जा रही है। शहरीकरण, जनसंख्या में बदलाव और बढ़ते माइग्रेशन के कारण यह प्रक्रिया अब जरूरी हो गई है।
आधार कार्ड बनेगा 12वां दस्तावेज
निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आधार कार्ड को पहचान के 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इसका उद्देश्य दोहरे मतदाताओं को हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि हर मतदाता भारतीय नागरिक हो।
बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म देंगे
बैठक में तय हुआ है कि बूथ लेवल अधिकारी (BLO) हर मतदाता के घर जाकर प्री-फिल्ड फॉर्म देंगे। इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल माना जाएगा।
अब तक 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी
देशभर में फिलहाल 99 करोड़ 10 लाख मतदाता दर्ज हैं। इनमें से करीब 8 करोड़ मतदाताओं की पुनरीक्षण प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। पिछली बार 2002 से 2004 के बीच हुए SIR में 70 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए थे। अनुमान है कि इस बार लगभग 21 करोड़ मतदाताओं को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।
निर्वाचन आयोग का मानना है कि यह कदम मतदान प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सटीक और भरोसेमंद बनाएगा, जिससे आने वाले वर्षों में चुनावी प्रक्रिया और अधिक मजबूत होगी।
देश भर में नवंबर से शुरू होगा SIR, मार्च 2026 तक पूरी होगी प्रक्रिया













