शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार को कक्षा दशम के भैया बहनों का स्नेह मिलन सह विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के दर्शन के भैया-बहनों को कक्षा नवम के भैया-बहनों द्वारा सम्मान पूर्वक विदाई दी गई। समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के उपाध्यक्ष डॉ धर्मचंद लाल अग्रवाल, राजकुमार प्रसाद एवं प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने संयुक्त रूप से भारत माता, ओम, मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित और पुष्प अर्पित कर किया। तत्पश्चात कक्षा नवम की बहन डिंपल, वैष्णवी, समीक्षा, राजनंदनी व सुमन ने स्वागत गीत.. मां की वीणा से गूंजती ध्वनि मंगलम एवं स्नेह मिलन विदाई गीत कैसे कर दे विदा आपको.. गीत बहन शानू, साक्षी, समीक्षा, जानवी, शिखा और सोनाक्षी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कक्षा दसवीं के भैया आर्यन विभूति एवं बहन माही राज ने सारगर्भित अनुभव कथन प्रस्तुत किया।
कक्षा दसवीं की बहन पलक पांडेय ने विदाई गीत आंखों में लेकर आंसू की धार लेने आए हम विदाई गीत गाकर सभी भैया बहनों को भाव विभोर कर अपने गीत से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

विदाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉक्टर धर्मचंद लाल अग्रवाल ने कहा कि आप भैया-बहन की विदाई नहीं हो रही है। आप अपने जीवन की नई मुकाम हासिल करने के लिए जा रहे हैं। आप विद्यालय को भूल मत जाइएगा और यहां के संस्कारों को बनाए रखिएगा।आप जहां भी जाए आपके व्यवहार से विद्यालय की संस्कार झलके। अब आप पुरातन छात्र कहलाएंगे। आप सभी बच्चे विद्यालय के नाज है। उन्होंने बच्चों को सभी विषय में अच्छे से अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए विशेष निर्देश एवं शुभकामनाएं दी।
विदाई समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने सभी भैया बहनों को जेएसी द्वारा आयोजित मैट्रिक बोर्ड परीक्षा सत प्रतिशत सफलता के लिए कड़ी मेहनत और समय का सदुपयोग करने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कक्षा दसवीं का विदाई सभी आचार्यों के लिए पीड़ा दायक है पर आप अच्छे अंकों से मैट्रिक पास कर विद्यालय और अपने माता-पिता के नाम रोशन करें।

उन्होंने कहा कि मैट्रिक पास होने के बाद भैया बहन अपने रुचि के अनुसार ही आगे के विषय चुनेंगे। चाहे वह आर्ट एंड ग्राफ, म्यूजिक, डांस, कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि विषय में पारंगत होंगे। विद्यालय की रीति नीति संस्कार अनुशासन को अपने जीवन में उतरेंगे उन्होंने कहा कि आपका भविष्य उज्जवल हो यही हम सबकी मनोकामना है। श्री पाठक ने विभिन्न कथाओं के माध्यम से उपस्थित बच्चों को प्रोत्साहित किया।

कक्षा दसवीं की बहन पलक पांडेय व माही राज ने अपने अनुभव कथन के अनुसार शिशु प्रवेश से दर्शन तक के बीते हुए पलों का सर्गभित वर्णन की। उन्होंने कहा कि हमें यहां बहुत कुछ सीखने को मिला जो आगे चलकर हमारे जीवन में बहुत काम आएगा। दसवीं के भैया आर्यन विभूति व यश कुमार ने कहा कि सभी आचार्य जी दीदी जी मुझे बहुत स्नेह किया और आने वाले समस्या का निराकरण सहजता से किए हैं। उन्होंने कहा कि विद्या मंदिर में पढ़ने के बाद हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है।
