भारत की पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण, 5000 किमी रेंज; जद में चीन के कई शहर

On: August 20, 2025 8:45 PM

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भुवनेश्वर: भारत ने अपनी सामरिक क्षमता को एक और ऊंचाई पर पहुंचाते हुए बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) की देखरेख में किया गया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी संचालन और तकनीकी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस सफलता के साथ भारत ने अपने प्रतिरोधक सामरिक शस्त्रागार को और भी मजबूत बना लिया है।
देश की पहली ICBM
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से ज्यादा है। इस रेंज में चीन का पूरा भूभाग आता है, साथ ही यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्से भी इसकी जद में हैं।
अद्भुत रफ्तार और तकनीक
मिसाइल की रफ्तार मैक-24 है, जो आवाज की गति से 24 गुना ज्यादा है। इसे कैनिस्टर-आधारित लॉन्चिंग सिस्टम से तैयार किया गया है। इस वजह से इसे कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट कर लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
MIRV तकनीक से लैस
अग्नि-5 मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह एडवांस्ड MIRV (Multiple Independently-Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक से लैस है। साधारण मिसाइलें केवल एक वॉरहेड लेकर जाती हैं, जबकि अग्नि-5 एक साथ कई वॉरहेड कैरी कर सकती है। इसका मतलब है कि एक बार लॉन्च होने के बाद यह सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अलग-अलग टारगेट्स पर एक साथ हमला कर सकती है। जरूरत पड़ने पर एक ही टारगेट पर कई वॉरहेड एक साथ दागने की भी क्षमता इसमें है।
चुनिंदा देशों के क्लब में भारत
फिलहाल भारत के अलावा केवल आठ देशों — अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, इज़रायल और उत्तर कोरिया — के पास ही ICBM तकनीक मौजूद है। इस सफल परीक्षण के साथ भारत का नाम भी इस सामरिक शक्ति से लैस देशों की अग्रिम पंक्ति में शुमार हो गया है।
सामरिक दृष्टि से बड़ा संदेश
अग्नि-5 का यह परीक्षण न केवल भारत की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि यह दुश्मन देशों के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि भारत अपनी सुरक्षा और सामरिक शक्ति को लेकर पूरी तरह से तैयार और सक्षम है।