लातेहार: जिले का सुग्गाबांध पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। इसकी हरियाली, झरने, शांत वातावरण और पहाड़ी नजारे प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। खासकर सुग्गाबांध फॉल का दृश्य पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है। नवंबर से मार्च तक यहां पिकनिक मनाने और घूमने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि होती है। झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तर प्रदेश से भी पर्यटक यहां आते हैं।
हालांकि, प्राकृतिक सौंदर्य के बावजूद सुग्गाबांध कई बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। सबसे बड़ी समस्या यहां तक पहुंचने वाली सड़कों की जर्जर स्थिति है। उखड़ी हुई सड़कें और गड्ढों के कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था भी कमजोर है। परिवार और बच्चों के साथ आने वाले पर्यटक सुविधाओं की कमी से असुविधाजनक अनुभव करते हैं।
साथ ही, मोबाइल नेटवर्क की कमी भी एक चुनौती है। सुग्गाबांध और आसपास के गांव चेतमा, गोईरा बंदुवा और भितरकोना इस समस्या से प्रभावित हैं, जिससे आपात स्थिति में संपर्क करना मुश्किल होता है।
पर्यटक बताते हैं कि सुग्गाबांध का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी पर्यटन अनुभव को अधूरा कर देती है। प्रशासन ने सुधार के आश्वासन दिए हैं, लेकिन पर्यटक और स्थानीय लोग इंतजार कर रहे हैं कि सुग्गाबांध कब एक विकसित और सुरक्षित पर्यटन स्थल बन पाएगा।
फिलहाल, सुग्गाबांध फॉल का सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, लेकिन सुविधाओं की कमी इसकी सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
सुग्गाबांध: बुनियादी सुविधाओं का आभाव, फिर भी बढ़ रही पर्यटकों की संख्या













