नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में यात्रियों को मिलने वाले दुर्घटना बीमा कवरेज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं। शीर्ष अदालत ने रेलवे से पूछा है कि दुर्घटना बीमा का लाभ केवल ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों को ही क्यों दिया जाता है, जबकि भारी संख्या में लोग आज भी ऑफलाइन टिकट खिड़की से टिकट खरीदते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की दो-टूक- दो तरह की टिकट बुकिंग, दो तरह की सुविधा क्यों?
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल रेलवे के दुर्घटना बीमा की सुविधा सिर्फ IRCTC के माध्यम से ऑनलाइन टिकट खरीदने वालों को ही उपलब्ध है।
इस पर पीठ ने 25 नवंबर को पारित आदेश में कहा, “दुर्घटना बीमा सिर्फ ऑनलाइन टिकट धारकों को उपलब्ध है, जबकि ऑफलाइन टिकट खरीदने वालों के लिए यह विकल्प ही नहीं है। रेलवे को स्पष्ट करना होगा कि दो अलग-अलग माध्यमों से टिकट खरीदने वालों के बीच यह अंतर क्यों रखा गया है।”
अदालत ने कहा कि यह मुद्दा सीधे तौर पर यात्रियों के अधिकार, सुरक्षा और समानता से जुड़ा है, इसलिए रेलवे को इसकी ठोस वजह बतानी होगी।
रेलवे की ओर से ASG विक्रमजीत बनर्जी हुए पेश
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी अदालत में रेलवे का पक्ष रख रहे थे। कोर्ट ने उनसे निर्देश लेकर अगली सुनवाई में स्पष्ट जवाब देने को कहा है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट प्रणालियों में इतनी असमानता क्यों? क्या भविष्य में ऑफलाइन टिकट वाले यात्रियों को भी बीमा सुविधा देने की योजना है?
कोर्ट ने कहा- पहले ट्रैक और क्रॉसिंग की सुरक्षा सुधारें
पीठ ने रेलवे द्वारा जमा की गई रिपोर्ट का भी अवलोकन किया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि रेलवे को प्राथमिकता के तौर पर पटरियों की सुरक्षा, अनमैन्ड व मैन्युअल क्रॉसिंग की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। अदालत ने कहा कि जब मूलभूत सुरक्षा प्रभावी होगी, तो अन्य सुधार स्वाभाविक रूप से लागू हो सकेंगे।
हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
अदालत ने रेलवे को दो अहम मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट/हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं:
1. यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े उपाय
2. ऑनलाइन बनाम ऑफलाइन टिकट प्रणाली में बीमा कवर की असमानता पर स्पष्ट जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले को 13 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है।
सिर्फ ऑनलाइन रेल टिकट वालों को ही दुर्घटना बीमा का लाभ क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे से मांगा जवाब













