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उत्तर प्रदेश:अक्सर हिंदुत्व के खिलाफ बयान देकर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। इस्तीफा देने का कारण उन्होंने अपने बयानों को लेकर पार्टी में भेदभाव करने का आरोप लगाया है।


उन्होंने पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव को इस्तीफा पत्र भेजते हुए कहा है कि जबसे मैं सपा में शामिल हुआ तब से ही पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। यही कारण है कि जिस सपा के पास पहले सिर्फ 45 विधायक थे वहीं विधानसभा चुनाव 2022 के बाद यह संख्या 110 हो गई।


उन्होने कहा कि मैंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए अपने तरीके से प्रयास किए। इसी क्रम में मैंने आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को जो जाने-अनजाने भाजपा के मकड़जाल में फंसकर भाजपामय हो गए उनके सम्मान व स्वाभिमान को जगाकर व सावधान कर वापस लाने की कोशिश की।

इस पर पार्टी के कुछ छुटभैये नेताओं ने इसे मौर्य जी का निजी बयान कहकर धार कुंद करने का प्रयास किया। मुझे हैरानी तब हुई जब पार्टी के वरिष्ठतम नेता इस पर चुप रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव का बयान पार्टी का होता है जबकि मेरा बयान निजी हो जाता है। ऐसे में इस भेदभावपूर्ण और महत्वहीन पद पर रहने का कोई औचित्य नहीं। मैं पार्टी महासचिव के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।

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