गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले में विधायक कोटे की राशि के उपयोग को लेकर अब सवालों का दौर तेज़ हो गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पक्षकार सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे के नेतृत्व में झामुमो के प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशासन से इस निधि के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और स्वतंत्र निगरानी समिति की गठन की मांग की है।
धीरज दुबे ने कहा कि विधायक निधि जनता की गाढ़ी कमाई से एकत्रित सरकारी संसाधन है, जिसका उपयोग जनकल्याण और ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए किया जाना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश, कई बार इस निधि का दुरुपयोग कर अपात्र व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया जाता है। उन्होंने प्रशासन से इस पूरे प्रक्रिया पर सघन निगरानी की मांग की है, ताकि योग्य लाभुक वंचित न रह जाएं।
विधायक निधि में अनियमितताओं का आरोप
धीरज दुबे ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के 2009 से 2019 के कार्यकाल में विधायक कोटे से स्वीकृत योजनाओं में भारी अनियमितताएं देखने को मिली थी। कई मामलों में चापाकल जैसी योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को दिया गया था जिनके पास पहले से यह सुविधा उपलब्ध थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार एक ही परिवार के तीन-तीन सदस्यों को लाभ दे दिया जाता है, जबकि आसपास के ज़रूरतमंद लोग खाली हाथ रह जाते हैं।
उन्होंने बताया कि विधायक कोटे की स्वीकृत योजनाओं में मानकों की भी अनदेखी होती है। उदाहरण के तौर पर वर्षा ऋतु में चापाकल का बोरिंग 200 फीट के बजाय मात्र 50-60 फीट किया जा रहा है और पूरी लागत की निकासी कर ली जा रही है। इससे साफ है कि योजनाओं को केवल कागज पर सफल बताया जा रहा है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और है।
उपविकास आयुक्त को सौंपा गया ज्ञापन
गुरुवार को झामुमों प्रतिनिधिमंडल ने गढ़वा समाहरणालय पहुंचकर उपविकास आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसमें विधायक कोटा से चल रही योजनाओं की निगरानी की माँग की गई। संबंधित मांग को लेकर उपायुक्त को भी एक प्रतिलिपि उपलब्ध कराया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि विधायक निधि के कार्यों की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए, जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ पंचायती राज प्रतिनिधि, ग्राम स्तर के सामाजिक कार्यकर्ता, और स्थानीय नागरिक शामिल हों। इससे योजनाओं की निगरानी में जनभागीदारी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
प्रशासन से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग
धीरज दुबे ने कहा कि पारदर्शिता ही लोकतंत्र की आत्मा है। यदि जनता को यह विश्वास नहीं रहेगा कि सरकार की योजनाएं उनके लिए हैं, तो शासन और जनप्रतिनिधियों से भरोसा उठ जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से यह भी मांग की कि विधायक निधि से स्वीकृत योजनाओं और लाभुकों की एक सार्वजनिक सूची जारी की जाए। इससे जनता स्वयं जान सकेगी कि कौन-कौन लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
आंदोलन की चेतावनी
यदि प्रशासन इस मामले में जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो झामुमो स्तर पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। धीरज दुबे ने स्पष्ट कहा कि पार्टी की प्राथमिकता जनहित और सामाजिक न्याय है, और यदि कोई कार्य इन मूल्यों के विपरीत होता है तो उसका जबरदस्त विरोध किया जाएगा।
उन्होंने युवाओं तथा ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और यदि कहीं भी भ्रष्टाचार या पक्षपात देखें, तो खुले रूप से विरोध करें। उन्होंने कहा, “मेरी आवाज, जनता की आवाज है। मैं जनहित में कभी समझौता नहीं करूंगा।”
मौके पर जिला अध्यक्ष शंभू राम, सचिव शरीफ अंसारी, जिला परिषद प्रत्याशी बबलू दुबे, प्रखंड अध्यक्ष फुजैल अहमद, लल्लू कुमार मेहता, आनंद कुमार, अंकित पांडे, संजय दास आदि मौजूद थे।