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महुआडांड़ (लातेहार): महुआडांड़ प्रखंड के ग्रामीणों का आंदोलन 30 घंटे के बाद समाप्त हो गया है। लोगों ने प्रखंड क्षेत्र में व्याप्त बिजली और पानी की समस्या के खिलाफ लेकर घंटों तक सड़क जाम कर दिया था। आंदोलन के बाद दूसरे दिन अधिकारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को जल्द समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने कुछ दिनों के लिए आंदोलन वापस ले लिया है।

मंगलवार से जारी था ग्रामीणों का प्रदर्शन

दरअसल, लातेहार जिले का महुआडांड़ प्रखंड एक अत्यंत पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता है। वर्तमान में स्थिति यह है कि प्रखंड क्षेत्र के लोग बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। भीषण गर्मी में बिजली और पानी की समस्या से परेशान लोगों ने मंगलवार की सुबह से ही महुआडांड़ प्रखंड में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इस दौरान गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह ठप कर दिया गया था।

लोगों ने स्वेच्छा से बंद रखी थी दुकानें, सड़क को भी कर दिया था जाम

वहीं स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद कर दी थी। मंगलवार को दिन भर बंदी और प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन मंगलवार को कोई भी अधिकारी ग्रामीणों की समस्या के समाधान के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई। जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने अपने आंदोलन को अनिश्चितकालीन घोषित करते हुए मंगलवार की रात में भी सड़क पर जमे रहे। वहीं बुधवार को भी ग्रामीण सुबह से ही सड़क पर उतर गए थे।

पदाधिकारियों के आश्वासन के बाद माने ग्रामीण

इधर, ग्रामीणों के द्वारा जारी आंदोलन के बाद जब अधिकारियों पर दबाव पड़ा तो पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक महतो और बिजली विभाग के अभियंता महुआडांड़ पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने बिजली विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के प्रति जमकर नाराजगी जताई। आंदोलन कर रहे लोगों का कहना था कि बिजली विभाग के पदाधिकारी किसी भी शिकायत पर सकारात्मक पहल नहीं करते। बिजली विभाग के कर्मचारी तो पूरी तरह मनमानी करते हैं।

बिजली मिलने पर नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति का दिया भरोसा

हालांकि बिजली विभाग के अभियंता के द्वारा ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि विभाग ग्रामीणों की समस्या के समाधान के लिए गंभीरता से कार्य कर रहा है। वहीं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि पाइपलाइन जलापूर्ति की योजना बनकर तैयार है। सुचारू रूप से बिजली मिलने पर नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति होने लगेगी। तत्काल में सभी खराब पड़े चापानलों और सोलर जलमीनार को दुरुस्त करवाया जा रहा है। पदाधिकारियों के द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद लोगों ने आंदोलन को समाप्त किया। आंदोलन का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता अजीत पाल कुजूर, जिला परिषद सदस्य एस्टेला नगेसिया समेत अन्य लोग कर रहे थे।

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