नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक बुधवार को राजधानी दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में टैक्स ढांचे को सरल और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से कई अहम फैसले लिए गए। सबसे बड़ा निर्णय जीएसटी के स्लैब स्ट्रक्चर में बदलाव को लेकर किया गया है।
सिर्फ दो जीएसटी स्लैब
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब देश में केवल दो ही जीएसटी स्लैब रहेंगे 5% और 18%। इसका मतलब है कि अब तक लागू 12% और 28% के स्लैब को खत्म कर दिया गया है। इन दोनों स्लैब में आने वाले ज्यादातर सामान और सेवाएं अब 5% और 18% की श्रेणी में समाहित कर दी जाएंगी।
आम जनता को राहत
इस फैसले से रोज़मर्रा की ज़रूरत के कई सामान सस्ते हो जाएंगे। जिन वस्तुओं पर अब तक 12% या 28% टैक्स देना पड़ता था, वे अब या तो 5% या अधिकतम 18% की श्रेणी में आ जाएंगी। इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि 28% टैक्स स्लैब के हटने से विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल्स और लग्जरी गुड्स के दामों में बड़ी कटौती देखी जा सकती है। वहीं 12% स्लैब के खत्म होने से मिड-रेंज के कई प्रोडक्ट्स भी सस्ते होंगे।
22 सितंबर से लागू होंगे फैसले
निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि काउंसिल की बैठक में लिए गए सभी फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाना है ताकि आम नागरिक को राहत मिले और व्यापार जगत के लिए अनुपालन आसान हो सके।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
ट्रेड बॉडीज़ और उद्योग जगत ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि टैक्स स्लैब कम होने से भ्रम की स्थिति खत्म होगी और टैक्स कंप्लायंस में आसानी होगी। वहीं उपभोक्ता संगठनों का मानना है कि इससे महंगाई पर काबू पाने में भी मदद मिलेगी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला, अब सिर्फ 5% और 18% होंगे टैक्स स्लैब

