रांची: झारखंड एटीएस ने गैंगस्टर अमन साहू और लॉरेंस विश्नोई गिरोह से जुड़े हथियार तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया है। जांच एजेंसी के मुताबिक, अमन साहू के गिरोह को पाकिस्तान से हथियार सप्लाई किए जाते थे। इन हथियारों के बदले हवाला चैनल के जरिए पाकिस्तान में बैठे हथियार डीलरों तक पैसे पहुंचाए जाते थे।
अजरबैजान से पकड़ा गया लॉरेंस का करीबी मयंक
इस मामले में एटीएस ने हाल ही में बड़ी सफलता हासिल की। गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और अमन साहू गिरोह के बीच कड़ी माने जाने वाले सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को अजरबैजान से भारत लाए जाने के बाद रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में मयंक ने खुलासा किया कि वह लंबे समय से लॉरेंस और अमन गैंग के लिए हथियार उपलब्ध कराता रहा है।
ड्रोन से आती थी खेप, पंजाब से पहुंचती थी झारखंड
एटीएस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार और ड्रग्स गिराए जाते थे। इसके बाद पंजाब के हथियार तस्कर सड़क मार्ग से इन हथियारों को झारखंड भेजते थे। मयंक ने जांच एजेंसियों को यह भी बताया कि लॉरेंस गिरोह के कई गुर्गे यूरोप, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में सक्रिय हैं और वहीं से नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं।
रांची फायरिंग में इस्तेमाल हुआ पाकिस्तानी हथियार
जांच में यह भी सामने आया है कि रांची के कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर हुई फायरिंग में भी पाकिस्तान से आए हथियार का इस्तेमाल हुआ था। अमन साहू गिरोह ने पाकिस्तान से 15 हथियारों का एक बड़ा कंसाइनमेंट मंगवाया था। इन्हीं में से एक हथियार से विपिन मिश्रा पर गोली चलाई गई थी।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर कसा जा रहा शिकंजा
एटीएस अब इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी है। मयंक से पूछताछ के बाद एजेंसी को कई अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर यूरोप और एशिया के कई देशों में बैठे लॉरेंस गैंग के गुर्गों की तलाश तेज कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े कई और बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
यह खुलासा झारखंड में सक्रिय गिरोहबाजों और हथियार तस्करों की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को उजागर करता है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं और गहरी हो गई हैं।
झारखंड एटीएस का बड़ा खुलासा: अमन साहू गैंग को पाकिस्तान से पहुंचते थे हथियार, हवाला के जरिए भेजा जाता था पैसा

