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रिपोर्ट सतीश सिन्हा

रांची :डुमरी विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज गया है। जहां 5 सितंबर को मतदान तिथि तय हो गई है। इस सीट पर झामुमो का कब्जा था लेकिन यहां से विधायक बने मंत्री जगन्नाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई सीट के लिए मतदान होगा। इस बार के चुनाव के खास बात है कि इसके पूर्व भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़ी थी लेकिन इस बार दोनों में गठबंधन है। आजसू इस सीट को अपने पाले में करने के लिए अभी से तैयारी में जुट गई है। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी फिर से इस सीट को को अपने कब्जे में रखने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ने के इरादे से स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को पहले ही मंत्री पद की शपथ दिला दी है और उन्हें ही मैदान में उतारने की पुरजोर संभावना है।

गौरतलब हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे। झामुम की ओर से जगन्नाथ महतो ने जीत हासिल की थी लेकिन इस बार भाजपा और आजसू के गठबंधन के चलते एनडीए को‌ इस सीट पर फतह की पूरी आस जग गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक डुमरी उपचुनाव के लिए 5 सितंबर को वोटिंग होगी वहीं 8 सितंबर को मतों की गिनती की जाएगी। 17 अगस्त तक प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर सकेंगी। 18 अगस्त नाम वापसी की अंतिम तिथि तय किए जाने की खबर है।

डुमरी विधानसभा सीट से झामुमो विधायक और प्रदेश के पूर्व शिक्षा और उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री जगरनाथ महतो का बीते 6 अप्रैल को चेन्नई में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उनके निधन से खाली हुई सीट पर अगले

बता दें कि स्वर्गीय जगन्नाथ महतो की मृत्यु के 6 महीने में उपचुनाव कराना था। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 5 अक्टूबर तक यहां चुनाव संपन्न हो जाना चाहिए था और निर्वाचन आयोग ने 1 माह पूर्व ही 5 सितंबर को मतदान कराने का फैसला किया था।

वहीं दूसरी ओर झामुमो की भी मंशा पूरी तरह उजागर है सोमवार को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बेरमो विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया और बोकारो में जगरनाथ महतो के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान किया। इसे अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी घोषणा कहा जा सकता है।

जबकि आजसू ने भी जीत के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। शीर्ष नेता समय-समय पर डुमरी में कैंप कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को भी जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

बता दें की रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए गठबंधन को जीत मिलने से इनका मनोबल पहले से ही बड़ा हुआ है। यहां यूपीए के बजरंग महतो को हार का सामना करना पड़ा था। रामगढ़ में कांग्रेस विधायक ममता देवी को 5 साल की सजा होने पर उपचुनाव हुआ था।

जबकि झामुमो ने स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी को मंत्री पद की शपथ दिलाकर पहला बड़ा दांव चल दिया है। जगरनाथ महतो झारखंड की सियासत में कद्दावर नेता रहे और उनके निधन के बाद लोगों की सहानुभूति लहर की उम्मीद झामुमो लगाए बैठा है।