कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पांच साल पुराने एक रेप और धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने आरोपी युवक को बरी कर दिया है। युवक को साल 2020 में गिरफ्तार कर 51 दिन तक जेल में रखा गया था। कोर्ट ने साफ कहा कि अभियोजन पक्ष IPC की धारा 376 (रेप) और 417 (धोखाधड़ी) के आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा।
मामला कैसे शुरू हुआ?
24 नवंबर 2020 को पीड़िता ने बारटोला थाने में युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि जनवरी 2017 में आरोपी से उसकी मुलाकात हुई थी। आरोपी ने उसे शादी का वादा किया और दोनों के बीच संबंध बने। महिला का दावा था कि 23 नवंबर 2020 को आरोपी ने शादी करने का वादा किया था और उसी दिन एक होटल में रात गुजारने के बाद अगली सुबह शादी से मुकर गया। अगले ही दिन महिला ने थाने में केस दर्ज करा दिया।
25 नवंबर 2020 को आरोपी को गिरफ्तार किया गया और 51 दिन जेल में रहने के बाद 14 जनवरी 2021 को जमानत मिली। मार्च 2021 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
ट्रायल में पलटी गवाही
मार्च 2025 में ट्रायल शुरू हुआ। 20 मार्च को जब महिला गवाही देने कोर्ट पहुंची तो उसने अपने पुराने आरोपों से पीछे हटते हुए कहा कि उसने गलतफहमी में शिकायत दर्ज कराई थी।
उसने कहा, “मुझे केस की बातें अब याद नहीं हैं। शिकायत मेरी दोस्त ने लिखी थी, उसमें क्या लिखा था, मुझे पता नहीं।”
महिला ने यह भी माना कि उसका आरोपी से 4-5 साल पहले संबंध रहा था, लेकिन FIR “गलतफहमी” की वजह से कराई गई थी।
पुलिस के दावे
पुलिस ने अदालत में कहा कि, महिला ने लिखित शिकायत दी थी। उसने मजिस्ट्रेट के सामने CrPC धारा 164 में बयान दर्ज कराया था। आरोपी की पहचान भी की थी। होटल का रिकॉर्ड भी मिला था।
अदालत का फैसला
मामले की सुनवाई कर रहे जज अनिंद्य बनर्जी ने छह पन्नों के आदेश में कहा, यह स्पष्ट है कि दोनों वयस्कों ने आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। यह साबित नहीं हो पाया कि आरोपी ने रेप किया अभियोजन पक्ष का कोई भी गवाह मामले को समर्थन नहीं करता। अदालत ने कहा कि आरोपी संदेह का लाभ पाने का हकदार है और उसे दोषी नहीं पाया जा सकता।
इस फैसले के बाद एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि गलत FIR या ग़लतफहमी से दर्ज केस के गंभीर परिणाम आरोपी और उसके परिवार को भुगतने पड़ते हैं। पाँच साल तक केस चलने और जेल में 51 दिन बिताने के बाद युवक अब बरी हुआ है।
रेप केस में 51 दिन जेल में रहे शख्स को कोर्ट ने किया रिहा, शिकायतकर्ता ने कहा- गलतफहमी में दर्ज कराई थी FIR

