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पहलगाम हमले पर हिमाचल प्रदेश के सीएम का इस्तीफा मांग,मंत्री ने ही करा दी अपने सरकार की किरकिरी!और अब!

On: April 26, 2025 9:09 AM
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जम्मू-कश्मीर :पहलगाम में आतंकियों के कायरना करतूत पर झारखंड सरकार के मंत्री और सरकार के प्रमुख घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुदिव्य कुमार ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफा की मांग कर दी थी तो तमाम राजनीतिक दलों में यह चर्चा होने लगी थी आखिर क्यों!हालांकि बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनका बयान व्यंग्यात्मक था, लेकिन तब तक उन पर सियासी हमले तेज हो चुके थे।

सुदिव्य कुमार के बयान को लेकर भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला है। झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि सुदिव्य कुमार का बयान उनके अहंकार और असंवेदनशीलता को दिखाता है। जब पूरा देश और दुनिया पहलगाम हमले से स्तब्ध है, ऐसे समय में इस तरह की फूहड़ टिप्पणी बेहद शर्मनाक है।

उन्होंने आगे लिखा कि मैं उन्हें एक गंभीर नेता मानता था, लेकिन उनका यह व्यवहार झारखंड की जनता को शर्मिंदा करने वाला है। ऐसे वक्त में जब एकता और संवेदना की जरूरत है, तब ऐसा बयान पूरी तरह निंदनीय है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राष्ट्रीय संकट के समय नेताओं की बयानबाजी की मर्यादा क्या होनी चाहिए |

बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान सुदिव्य कुमार ने कहा, “पहलगाम की घटना के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वह अपने राज्य के नागरिकों की सुरक्षा करने में असफल रहे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

जब उनका यह बयान वायरल हुआ और विवाद बढ़ा, तो उन्होंने सफाई में कहा कि उनका यह बयान महज एक व्यंग्य था। उन्होंने कहा कि जब इतने बड़े आतंकी हमले पर कोई प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से इस्तीफा नहीं मांग रहा है, तो हमने व्यंग्य करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से ही इस्तीफा मांग लें|

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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