रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने कुलपतियों की बैठक के बाद राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा पर रोक लगा दी है। उन्होंने निर्देश दिया है कि अब नामांकन केवल यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार होगा। हाल ही में कुलपतियों की बैठक में जारी इस आदेश का उद्देश्य प्रवेश प्रक्रिया में एकरूपता लाना और देशभर में मान्यता प्राप्त प्रणाली अपनाना है। इससे रांची विश्वविद्यालय में आवेदन कर चुके 2374 छात्र अनिश्चितता में हैं। सात महीने पहले प्रत्येक छात्र ने ₹2000 जमा किया था, जिससे कुल ₹47.48 लाख विवि के पास है, लेकिन शुल्क वापसी पर अब तक निर्णय नहीं हुआ है। यह परीक्षा 22 विषयों की 463 सीटों के लिए होनी थी, जो अब रद्द हो गई। छात्रों का आरोप है कि समय पर परीक्षा आयोजित होती तो यह स्थिति नहीं आती, और वे शुल्क वापसी की मांग कर रहे हैं।
झारखंड में अब पीएचडी में प्रवेश केवल UGC-NET या झारखंड पात्रता परीक्षा (JET) के माध्यम से होगा। NET में अभ्यर्थी JRF, असिस्टेंट प्रोफेसर या पीएचडी प्रवेश का विकल्प चुन सकते हैं और परिणाम उसी आधार पर आएगा। राज्य सरकार झारखंड के 1,000 स्थानीय मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन योजना के तहत हर महीने ₹25,000 की छात्रवृत्ति देगी। JET पास छात्रों को ₹22,500 मासिक, विदेश में रिसर्च पेपर प्रस्तुत करने पर ₹2 लाख और अन्य राज्यों में प्रजेंटेशन पर अधिकतम ₹50,000 की सहायता मिलेगी।यह फैसला पारदर्शिता और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।