सिल्ली:-शनिवार के दिन नहाए खाय के पावन अनुष्ठान के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हुई। छठव्रतियों ने स्नान,ध्यान एवं शरीर और मन की शुद्धि के साथ अपने-अपने घरों में सात्विक भोजन तैयार कर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर व्रत का संकल्प लिया।ज्ञात हो कि इस पावन अवसर पर छठ के घाटों पर जो दृश्य दिखाई देता है

उसमें पारिवारिक और सामाजिक सद्भाव की अद्भुत प्रेरणा होती है। छठ महापर्व की प्राचीन परंपरा का हमारे समाज में गहरा प्रभाव रहा है। छठ महापर्व आस्था,उपासना और प्रकृति प्रेम का एक अनूठा संगम है। इसमें जहां अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है,वहीं प्रसाद में भी प्रकृति के विविध रंग समाहित होते हैं।छठ पूजा के गीत और धुन में भी भक्ति और प्रकृति का अद्भुत भाव भरा होता है।










