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जान जोखिम में डाल सांप पकड़ने वाले सर्पमित्रों की सुध नहीं लेती है सरकार या वन विभाग!

On: November 26, 2025 4:18 PM
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सर्पमित्रों की समस्याएं सुने और समाधान करें राज्य मुख्य वन संरक्षक: छोटू स्नेक ब्वॉय

बारिश हुई शुरू ,सर्पमित्रों को याद करता है वन विभाग

जमशेदपुर;शहर में 20 से अधिक सर्पमित्र (सांप पकड़ने वाले स्नेक सेवर) काम कर रहे हैं।
लेकिन सरकार इन सर्पमित्रों की लगातार अनदेखी कर रही है, बारिश शुरू होते ही आम लोगों को सर्पमित्रों की याद आती है। सर्पमित्र अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों के घरों में घुसे हुए सांपों को सुरक्षित पड़कर जंगल में छोड़ते हैं इसके बावजूद सरकार या वन विभाग की ओर से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती।
वास्तव में बारिश शुरू होने से पहले ही वन विभाग को सर्पमित्रों से बात करके उनकी परेशानियां समझनी चाहिए थी। जैसे सांप पकड़ते समय आने वाले कठिनाइयां जरूरी उपकरणों की कमी और सांप के काटने से होने वाले घटनाओं को रोकने के उपाय का समावेश है, लेकिन इन विषयों को नजर अंदाज करते हुए सरकार ने सर्पमित्रों की ओर ध्यान नहीं दिया। जबकि सर्पमित्र वन जीव संरक्षण का एक एहम हिस्सा है उन्हें ना तो कोई मानधन( वेतन) मिलता है और ना ही कोई सरकारी सहायता या जरूरी सामान,
इसीलिए सर्पमित्र (छोटू स्नेक ब्वॉय) ने मांग की है। की झारखंड राज्य के मुख्य वन संरक्षक अधिकारी स्वयं सर्पमित्रों की समस्याओं को सुने और उनका समाधान करें।।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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