आज से सावन का पवित्र महीना शुरू, 72 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में ऐसे करें महादेव की पूजा

On: July 22, 2024 1:26 AM

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एजेंसी: सावन के पवित्र महीने की आज से शुरूआत हो गई, जो 19 अगस्त को समाप्त होगा। सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस बार सावन माह की शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार के दिन होंगे। इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ेंगे और इसका शुभारंभ भी सोमवार से हो रहा है। साथ ही, इस बार सावन में 6 शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है। इस साल श्रावण मास में शुक्रादित्य योग, बुधादित्य योग, नवपंचम योग और गजकेसरी योग बनने वाले हैं। इनके अलावा, कुबेर योग और शश योग का भी निर्माण होगा।
सावन सोमवार तारीख
22 जुलाई 2024 सावन का पहला सोमवार
29 जुलाई 2024 सावन का दूसरा सोमवार
5 अगस्त 2024 सावन का तीसरा सोमवार
12 अगस्त 2024 सावन का चौथा सोमवार (संक्रांति के अनुसार, सावन का आखिरी सोमवार)
19 अगस्त 2024 सावन का पांचवा सोमवार
सावन के पहले दिन ही सोमवार और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में सावन का शुभारंभ होना बेहद शुभ माना जा रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में सावन सोमवार का व्रत रखने से आपको शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में रुद्राभिषेक करने और व्रत करने से इच्छित व्यक्ति को अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी।
सावन महीना का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव ही रुद्र रुप में सृष्टि का संचालन करते हैं। शिवपुराण के अनुसार, जगत जननी देवी पार्वती ने सबसे पहले भगवान शिव को पति के रूप में पाने की कामना के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखा था। जब माता सती ने दक्ष प्रजापति की पुत्री माता पार्वती के रूप में जन्म लिया, तब उन्होंने महादेव को हर जन्म में अपना पति बनाने का प्रण लिया। इसी प्रण की वजह से माता पार्वती ने सोलह सोमवार का कठिन व्रत रखा और घोर तप किया। माता पार्वती की इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने सावन के महीने में ही अपनी पत्ती के रूप से स्वीकार किया। इस प्रकार 16 सोमवार व्रत रखने से माता पार्वती महादेव की अर्धांगिनी बनीं।
इसलिए भी यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने में की गई पूजा पाठ का व्यक्ति को विशेष फल मिलता है। सावन सोमवार का व्रत करने से मां गौरी और शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। वहीं जो कुंवारी लड़कियां सावन सोमवार का व्रत रखती हैं, उन्हें मनचाहा जीवन साथी की प्राप्ति होती है और शिव-गौरी जैसा दांपत्य जीवन मिलता है। सावन में महादेव के साथ मां गौरी की विधि-विधान के साथ पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त
अमृत (सर्वोत्तम)- सुबह 5 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 20 मिनट तक
शुभ (उत्तम)- सुबह 9 बजकर 2 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक
शाम का मुहूर्त- शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 35 मिनट तक
सावन के सोमवार कैसे करें महादेव की पूजा?
> सावन के पहले सोमवार को सूर्योदय से पहले उठकर नहाने के पानी में काले तिल डालकर स्नान करें।
> स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और शिवजी के सामने व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेने के बाद, सावन के हर सोमवार से लेकर पूरे 16 सोमवार तक व्रत रखें।
> सोलह सोमवार व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है। ऐसे में पूजा सूर्यास्त से पहले ही पूरी कर लेनी चाहिए।
> अगर आप घर पर पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें।
> फिर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए पंचामृत चढ़ाएं। फिर जल और गंगाजल से स्नान करें।
> इसके बाद शिवलिंग पर सफेद चंदन, बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि अर्पित करें।
> फिर शिवजी के सामने धूप-दीप जलाएं और फल या खीर का भोग लगाएं।
> भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा जरूर करें। मां गौरी को श्रृंगार का सामना अर्पित करें।
> इसके बाद शिव चालीसा और शिव पुराण का पाठ करें। फिर नैवेद्य अर्पित करें और अंत में आरती करें।
महादेव की प्रिय चीजें और इसके लाभ
गंगाजल – शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करने पर सुख-समृद्धि आती है।
केसर – शिवलिंग पर केसर से अभिषेक करने पर शिवकृपा की प्राप्ति होती है।
गन्ने का रस – आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करें।
दूध – दूध चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है।
दही – शिवलिंग पर दही से कार्यों में बाधाएं दूर होती हैं।
भांग – कष्टों और बीमारियों से बचने के लिए भांग अर्पित करें।
घी – अच्छी सेहत के लिए सावन के महीने में घी से भोलेनाथ का अभिषेक करें।
चंदन – सुख और शांति के लिए शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं।
शहद – समाज में मान-सम्मान के लिए शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें।