जिस घर में श्रीमद्भागवत की पूजा होती है, उस घर में लक्ष्मी का वास होता है :- जीयर स्वामी

Estimated read time 1 min read
Spread the love

शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):- पूज्य संत श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी ने प्रवचन करते हुये कहा कि जिस घर में श्रीमद्भागवत की पूजा होती है उस घर में लक्ष्मी का वास होता है। हर घर में श्रीमद्भागवत की पूजा होनी चाहिए।बार-बार कथा सुनने की बात को उन्होंने समझाते हुए कहा कि जिस प्रकार एक बार भोजन कर लेने से एक बार सांस ले लेने से काम नहीं चल सकता है। उसी प्रकार एक बार कथा सुनने से काम कैसे चल सकता है। भगवान के अवतारों की चर्चा कथा के रूप में हमेशा सुननी चाहिए। इससे मन का विकार बाहर हो जाता है और मन चीत को शांति मिलती है। और सांसारिक मोहमाया में मन फंसने से बच जाता है। उन्होंने कहा कि कथा एक स्टेटस है एक संस्कार है यह ईश्वर की कृपा है।जिसे बार-बार सुनने के बाद जीवन में ईश्वर की कृपा बरसने लगती है। जीवन में शांति की प्राप्ति होती है शालीनता आती है सादगी आती है विनम्रता आती है।

जिन शब्दों को सुनने के बाद हमारे मन बुद्धि दिमाग को ईश्वर में स्थापित होने का सौभाग्य प्राप्त होता है।उसे कथा कहते हैं।जैसे बाल्मीकि जी ईश्वर का नाम जपते जपते गलत मार्गो से हटकर प्रशस्त मार्गों के अधिकारी बन गए। अंगुली माल डाकू गौतम बुद्ध के उपदेशों को सुन कर अहिंसा का पुजारी बन गया। कालिदास जी अपनी पत्नी की कृपा से जीवन को धन्य कर लिया। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को श्रीमद्भागवत कथा सुननी चाहिए। ईश्वर के अवतारों की चर्चा बार-बार सुननी चाहिए।उन्होंने कर्म के बारे में समझाते हुए विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि कर्म करते समय व्यक्ति को सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि कर्म का फल अकाट्य होता है।

इसका फल मिलना है मिलना होता है। बिल्कुल निश्चित है। क्योंकि जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल मिलेगा ही मिलेगा। व्यक्ति को मांसाहार का भोजन नहीं करना चाहिए। अपनी आत्मा की पूर्ति और जीभ के स्वाद के लिए दूसरे जीवो को मारकर खा जाना यह बहुत ही घोर अपराध है। इससे बचना चाहिए यह शास्त्रों के ठीक विपरीत है।ठीक उल्टा है।ऐसा नहीं करना चाहिए। हर जीव को अपनी जिंदगी जीने का पूर्ण अधिकार है। सबको ईश्वर ने जन्म दिया है। किसी भी जीव को दूसरे को मारने की अनुमति नहीं है।किसी जीव को प्रताड़ित करने का कोई अधिकारी नहीं है। अगर ऐसा करता है तो वह घोर नरक का भागी बनता है।