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राम सिंह मुंडा कर रहे हैं आदिवासी मूल वासी एकता भंग करने का प्रयास: केंद्रीय सरहुल पूजा समिति

जमशेदपुर: केंद्रीय सरहुल पूजा समिति का एक प्रतिनिधि मंडल जिला उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम से मिला। उन्हें एक ज्ञापन सौंपते हुए सोपोडेरा मुंडा समाज के द्वारा 30 मार्च को निकाली जाने वाली शोभा यात्रा रद्द करने की मांग की है।

समिति ने कहा है कि केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति, पूर्वी सिंहभूम की ओर से यह कहना है कि प्रकृति का महापर्व सरहुल पूजा 01 अप्रैल 2025 को झारखंड समेत अन्य राज्यों में हर्षोल्लास के मनाया जाएगा ।

सरहुल पूजा के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति, पूर्वी सिंहभूम द्वारा एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है जिसमें आदिवासी एवं मूलवासी समाज के उरांव,हो,मुंडा, भुईयां, तुरी,मुखी,लोहार समेत विभिन्न सामाजिक संगठन के महिला पुरुष, युवक – युवतियां , बच्चे बच्चियां हजारों की संख्या में अपने पारम्परिक परिधान एवं वाद्य यंत्रों के साथ इस शोभायात्रा में शामिल होकर आदिवासी एवं मूलवासी एकता का परिचय देते है ।

मगर आदिवासी एवं मूलवासी एकता को भंग करने के उद्देश्य से मुंडा समाज,सोपोडेरा के नाम से अपने निजी स्वार्थ एवं राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से राम सिंह मुंडा द्वारा लोगों को दिगभ्रमित करके दिनांक 30 मार्च को सरहुल शोभायात्रा निकाली जा रही है। जिसका हम सभी आदिवासी एवं मूलवासी समुदाय के लोग विरोध करते हैं।

हमें उनके द्वारा शोभायात्रा निकालने से कोई भी आपत्ति नहीं है हमे आपत्ति है उनके निर्धारित तिथि से क्योंकि रांची समेत पूरे झारखंड में सरहुल पर्व 01 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है परन्तु अपनी निजी स्वार्थ एवं राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण राम सिंह मुंडा द्वारा लोगों को दिगभ्रमित कर 30 मार्च 2025 को सरहुल पूजा शोभायात्रा निकाली जा रही है।

केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति के लोगों ने जब मुंडा समाज केन्द्रीय समिति के पदाधिकारियों जानकारी ली तो उन्होंने भी राम सिंह मुंडा द्वारा समाज के लोगों को दिगभ्रमित करने की बात कही वही जब केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति के लोगों द्वारा राम सिंह मुंडा से बात की एवं यह समझाने का प्रयास किया गया कि आप भी 01 अप्रैल को ही कार्यक्रम आयोजित करे तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए यह कहा कि आपलोगो को जो करना है वो करे हमारा कार्यक्रम निर्धारित तिथि को होगा।

श्रीमान यह बताना आवश्यक होगा कि 01 अप्रैल को सरहुल पूजा हेतु राजकीय अवकाश घोषित है एक व्यक्ति विशेष के राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण आदिवासी एवं मूलवासी एकता भंग होने की प्रबल संभावना है।

अतः श्रीमान विनम्र निवेदन है कि आदिवासी एवं मूलवासी भावना को ध्यान में रखते हुए 30 मार्च को निर्धारित शोभायात्रा को रद्द करने की कृपा करे इसके पूर्वी सिंहभूम जिले के सभी आदिवासी एवं मूलवासी समाज के लोग हमेशा आपके आभारी रहेंगे।

ये थे मौजूद

प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से किशोर लकड़ा, नंदलाल पातर, राजश्री नाग, राकेश उरांव,राजेश कांडयोंग, जयनारायण मुंडा, गोमिया सुंडी,बुधराम खालको,बबलू खालको, मनीष बांद्रा, चेतन लियांगी लाल मोहन जमुदा,राजन कुजूर, शंभू मुखीदूंगरी, प्रेम आनंद सामद , निकिता सोय बुरुली आदि शामिल थे।

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