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बिहार: चुनाव में महागठबंधन की एकता खतरे में!JMM का सम्मानजनक सीटें न मिलने पर एकला चलो रे का राग, CONG, RJD बोली!

On: October 13, 2025 7:36 AM
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रिपोर्ट: सतीश सिन्हा

बिहार में विधानसभा 2025 के चुनाव के लिए महागठबंधन का सीट बंटवारें में पेंच नजर आ रहा है। कांग्रेस ने तकरीबन 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कथित रूप से ठोक दिया है। जबकि राष्ट्रीय जनता दल उसे तकरीबन 40 के आसपास सीटों पर निपटाने के फिराक में है। इसी के कारण पेंच फंसा है। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी भी दिल्ली गई है हालांकि आईआरसीटीसी मामले में उन्हें कोर्ट ने बुलाया है। इसी बीच महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी हूल दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का दल होने के कारण यदि उसे उचित सम्मान नहीं मिला तो वह एकला चलो रे की तर्ज पर चुनाव लड़ने को तैयार है। जिस पर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को संयम बरतने की नसीहत दे डाली। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस नसीहत पर भी प्रतिक्रिया दे डाली। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता ने राजद और कांग्रेस को संयम बरतने की सलाह के बावजूद झामुमो ने फिर दोहराया कि उनके केंद्रीय महासचिव ने कल की पीसी में सही बात कही है. उन्होंने कहा कि यह वास्तविक सत्य है कि हमारे नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड में गठबंधन धर्म का पालन किया, इसलिए हम राजद से भी उसी व्यवहार की उम्मीद करते हैं जैसा हम यहां उनके साथ करते हैं. इधर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने अपने सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया है जिसके बाद महागठबंधन में शामिल दलों की बेचैनी बढ़ गई है और महागठबंधन की एकता पर फिर एक बार सवाल उठने लगे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. यही कारण है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजद के खिलाफ तीखी टिप्पणी और बयानबाजी की थी. जिस पर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने झामुमो को संयम बरतने की सलाह दी है.

राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव और कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि झामुमो के केंद्रीय महासचिव को ऐसे बयान देने के बजाय महागठबंधन के नेताओं से बात करनी चाहिए. झामुमो की ओर से इस तरह की बयानबाजी से गलत संदेश जाता है.

राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव ने कहा कि झामुमो नेता को जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए, बिहार में अभी सीट बंटवारे की घोषणा नहीं हुई है, ऐसे में सुप्रियो भट्टाचार्य और झामुमो को बयानबाजी और अल्टीमेटम देने के बजाय संयम बरतना चाहिए. कैलाश यादव ने कहा कि झारखंड में राजद का बहुत बड़ा आधार वोट है.. हमारे यहां बड़ी संख्या में आधार वोट हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में हमारे नेता यहां से जीतकर विधायक-मंत्री बनते रहे हैं. गठबंधन की राजनीति में सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान ठीक नहीं है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता ने राजद और कांग्रेस को संयम बरतने की सलाह के बावजूद झामुमो ने फिर दोहराया कि उनके केंद्रीय महासचिव ने कल की पीसी में सही बात कही है. उन्होंने कहा कि यह वास्तविक सत्य है कि हमारे नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड में गठबंधन धर्म का पालन किया, इसलिए हम राजद से भी उसी व्यवहार की उम्मीद करते हैं जैसा हम यहां उनके साथ करते हैं.

झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने संवाददाता सम्मेलन में झारखंड में 2019 की याद दिलाई जब झारखंड में राजद को सिर्फ एक विधायक के रहते हुए भी मंत्रिमंडल में जगह दी गयी और पांच साल मंत्री बनाकर हेमन्त सोरेन ने मंत्री बनाये रखा. सुप्रियो ने 15 अक्टूबर तक झामुमो को बिहार विधानसभा चुनाव में मिलने वाली सीट की घोषणा राजद और इंडिया ब्लॉक कर दे नहीं तो मोर्चा अपनी तरफ से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देने की बात कही थी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम महागबंधन के साथ हैं और चुनाव भी महागठबंधन के साथ ही लड़ेंगे, मगर हम लोगों ने अपनी भी तैयारी कर रखी है. वहां जो घटक दल हैं चाहे वह कांग्रेस हो, राजद हो या माले हो हमने झारखंड चुनाव में उनको सम्मानजनक भागीदारी दी. 2019 के चुनाव में भी राजद को हमने सम्मानजनक सीट दी थी, जिसमें मात्र एक सीट वह जीते थे. गठबंधन धर्म निभाते हुए हमने उस एक प्रतिनिधि को 5 वर्षों तक मंत्री बनाया.

झामुमो प्रवक्ता कहा था

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने झारखंड में 2019 की याद दिलाई जब सिर्फ एक विधायक होने के बावजूद राजद को कैबिनेट में जगह दी गई और हेमंत सोरेन ने उन्हें पांच साल तक मंत्री बनाए रखा. सुप्रियो ने कहा था कि 15 अक्टूबर तक झामुमो को बिहार विधानसभा चुनाव में मिलने वाली सीट की घोषणा राजद और इंडिया ब्लॉक कर दे नहीं तो झामुमो अपनी तरफ से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि कि हम महागबंधन के साथ हैं और चुनाव भी महागठबंधन के साथ ही लड़ेंगे, मगर हम लोगों ने अपनी भी तैयारी कर रखी है. वहां जो घटक दल हैं चाहे वह कांग्रेस हो, राजद हो या माले हो हमने झारखंड चुनाव में उनको सम्मानजनक भागीदारी दी. 2019 के चुनाव में भी राजद को हमने सम्मानजनक सीटें दी थीं, जिसमें मात्र एक सीट वह जीते थे. गठबंधन धर्म निभाते हुए हमने उस एक प्रतिनिधि को 5 वर्षों तक मंत्री बनाया.

जेएमएम नेता ने कहा था कि इस साल भी हमने अपने राज्य में पांच फीसदी सीटें यानी 06 सीटें राजद को देने का काम किया. जिसमें उसने चार सीटें भी जीतीं. हमारे यहां उनके एक विधायक आज भी मंत्री पद पर कार्यरत हैं और अगले 5 साल तक मंत्री पद पर बने रहेंगे, क्योंकि हम गठबंधन के सिद्धांत का पालन करना जानते हैं.

जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि हमने बिहार के गठबंधन दल के नेताओं से जल्द से जल्द हमें हमारा हिस्सा देने को कहा है. क्योंकि नामांकन शुरू हो चुका है. हमारे उम्मीदवारों के आवेदन यहां आ गये हैं. 15 अक्टूबर को हमारी केंद्रीय समिति की विस्तारित बैठक है, इसलिए जिसे भी सीट देनी है, उससे पहले आधिकारिक तौर पर दे दी जाए, अन्यथा एक स्वतंत्र राजनीतिक दल होने के नाते हम हाथ बांध कर नहीं खड़े हैं.

बहरहाल एक बार फिर महा गठबंधन की एकता तार तार होने की पुरजोर संभावना नजर आ रही है सूत्रों का कहना है कि इधर कांग्रेस भी तकरीबन 60 सीटों को लेकर अड़ी हुई है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा 12 सीटों पर अपना दावा ठोक चुकी है ऐसे में महागठबंधन में शामिल दलों के एक दूसरे के खिलाफ नसीहत और बयान बाजी एकता पर फिर से सवाल उठा रहा है अब देखना है आगे क्या होता है!

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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