मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के चकिया में निर्मित हो रहे विराट रामायण मंदिर के लिए एक बड़ा मील का पत्थर पूरा हो गया है। दुनिया के सबसे विशाल शिवलिंगों में शामिल 33 फीट ऊंचा महाशिवलिंग शनिवार को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना हो गया। इस विशालकाय शिवलिंग को 96 चक्कों वाले विशेष ट्रक पर रखकर बिहार लाया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों से तराशे जा रहे इस अनोखे शिवलिंग को एक विशाल ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है।
शिवलिंग के आयाम और वजन इसे विशिष्ट बनाते हैं:
ऊंचाई : 33 फीट
व्यास : 33 फीट
वजन : 210 मीट्रिक टन
निर्माण लागत : लगभग 3 करोड़ रुपये
सामग्री : एक ही ग्रेनाइट की विशाल शिला
इतने भारी वजन वाले इस धार्मिक संरचना को 96 चक्कों वाले विशेष ट्रांसपोर्टर ट्रेलर पर लादा गया है। इंजीनियरिंग की दृष्टि से यह खुद एक बड़े प्रोजेक्ट जैसा है। ट्रक को रवाना करने से पहले महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में वैदिक मंत्रों के बीच विशेष पूजा संपन्न कराई गई। स्थानीय लोग इस महाशिवलिंग को विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे, इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया जा रहा है।
20–25 दिनों का सफर, सैकड़ों शहरों में लोग करेंगे दर्शन
शिवलिंग को सड़क मार्ग से पूर्वी चंपारण (चकिया) स्थित मंदिर परिसर तक पहुंचने में लगभग 20-25 दिन लगने की उम्मीद है। ट्रक कई राज्यों से होकर गुजरेगा। इस दौरान, श्रद्धालु कई शहरों में शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। शिवलिंग का यात्रा मार्ग भी पहले से तया किया गया है। होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनूल, हैदराबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, नागपुर, सीवनी, जबलपुर, मैहर, सतना, रीवा, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मसरख, मोहम्मदपुर, केसरिया होते हुए ये अंत में चकिया स्थित विराट रामायण मंदिर परिसर पहुंचेगा। इस रूट पर कई शहरों में लोग इस विशाल शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। कई जगहों पर स्वागत की भी तैयारी की जा रही है।
115 एकड़ में बन रहा विराट रामायण मंदिर
चकिया में बन रहा यह मंदिर अपना आकार, डिजाइन और आध्यात्मिक महत्व के कारण पहले ही सुर्खियों में है। मंदिर का कुल क्षेत्रफल 115 एकड़ है। लंबाई 1080 फीट, चौड़ाई 540 फीट और मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट है। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे। मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी, जबकि अन्य शिखरों की ऊंचाई 180 फीट, 135 फीट, 108 फीट और 90 फीट रखी जाएगी।
मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर ट्रस्ट की देखरेख में हो रहा है। सिंहद्वार, नंदी स्थल, गणेश स्थल, प्रवेश द्वार और गर्भगृह की पाइलिंग जैसे महत्वपूर्ण निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं।
निर्माण कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरमण के अनुसार, फरवरी 2026 तक इस 33 फीट महाशिवलिंग को मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया जाएगा। इसके स्थापित होने के बाद मंदिर का आध्यात्मिक और वास्तु महत्व और भी बढ़ जाएगा।
बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई उड़ान
विशेषज्ञों का मानना है कि महाशिवलिंग की स्थापना और विराट रामायण मंदिर के पूर्ण होने के बाद यह क्षेत्र उत्तर भारत का बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बन जाएगा। स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यटन को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।













