NEET UG परीक्षा रद्द न करने के सवाल का जवाब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऐसे दिया!
एजेंसी: नीट परीक्षा में कथित अनियमितता के खिलाफ छात्रों ने जोरदार आंदोलन छेड़ रखा है और विपक्ष भी सरकार पर हमला बोले हुए हैं परीक्षा रद्द करने की मांग हो रही है इसी बीच छात्रों के बीच यह सवाल पूछ रहा है कि नीट का पेपर लीक होने की बात ईओयू ने कर स्वीकार कर ली है। सरकार को भी बिहारी ईओयू ने रिपोर्ट दे दी है। इसके बावजूद परीक्षा रद्द नहीं की जा रही है।आखिर सरकार इस पेपर को रद्द करने के हित में कोई फैसला क्यों नहीं ले रही।छात्रों और विपक्ष के कई लोगों के इस प्रश्न का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि लीक से सीमित संख्या में छात्र ही प्रभावित हुए हैं, जबकि इससे पहले 2004 और 2015 में भी पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द करने से लाखों छात्र प्रभावित होंगे, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है।
उन्होंने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है और कोर्ट का कोई भी फैसला अंतिम होगा। नीट-यूजी परीक्षा में 67 छात्रों के 720 अंक आने के बाद विवाद खड़ा हो गया था और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने गलत प्रश्नों और उम्मीदवारों तक प्रश्नपत्र पहुंचने में देरी के कारण कुछ छात्रों को ग्रेस अंक दिए थे।
क्यों नहीं की गई परीक्षा रद्द?
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