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शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर/ गढ़वा।। भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान चला रही है ताकि भारत की छवि स्वच्छ देश के रूप में पूरी दुनिया में बन सके। पीएम मोदी के प्रयास को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार भी प्रयास करते दिख रही है, लेकिन उनका ये प्रयास कितनी सफल हो रहा है इसकी बानगी दिखी झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत श्री बंशीधर नगर पंचायत में। जहां लाखों रुपए की लागत से बने आधा दर्जन मॉड्यूलर यूनिनल टॉयलेट की स्थिति बदहाल है। स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए श्री बंशीधर नगर पंचायत के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक टॉयलेट (पेशाब घर) बनाए गए हैं। जिससे नगर पंचायत को ओडीएफ फ्री बनाया जा सके। इसके साथ ही लोगों को सुविधा भी मिल सके, लेकिन मॉड्यूलर टॉयलेट की बात करें तो सभी टॉयलेट्स की स्थिति बद से बेहतर है। जबकि श्री बंशीधर नगर पंचायत द्वारा प्रत्येक माह लाखों रुपए खर्च कर नागरिकों सहित यात्रियों के लिए शहर में सार्वजनिक स्थानों पर मॉड्यूल यूरिनल शौचालय बनाए गए हैं।

खुले में शौच करते राहगीर

आपको बता दे की चेचरिया स्थित अंबालाल पटेल स्कूल के पास और थाना गेट के बगल में तथा ब्लॉक मोड़ के समीप, हेन्हाे मोड़ के पास सहित अन्य स्थानों पर मॉड्यूल यूरिनल शौचालय बनाए गए हैं,लेकिन यह शौचालय मात्र दिखावा बन कर रह गया है। शौचालय में गंदगी के वजह से रोजाना करीब सैकड़ो लोग खुले में शौच जाने को विवश है। शौचालय देखरेख के अभाव में पूरी तरह खराब हो चुका है। वही कई स्थान के शौचालय की स्थिति ऐसी है कि वहां तक जाना भी मुश्किल है क्योंकि दूर से इसकी दुर्गंध फैली है। शौचालय के आसपास काफी गंदगी पसरी है, देखकर ऐसा लग रहा है कि कई कई दिनों तक इसकी सफाई नहीं की जाती है। ऐसे में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाने के लिए काफी है। ऐसे में सवाल उठता है कि साफ सफाई के नाम पर नगर पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है तो फिर लोगों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है.? इस दिशा में नगर प्रशासन ठोस कदम उठाए ताकि शहरी क्षेत्रों पर लगे टॉयलेट्स में पसरी गंदगी से परेशान लोगों को राहत मिल सके।

श्री बंशीधर नगर पंचायत कार्यालय फोटो

क्या कहते हैं आसपास के लोग?

आसपास के लोगों से बात करने पता चला कि शौचालय में कभी भी पानी नहीं रहता है और ना ही कभी इसकी साफ सफाई होती है। इस कारण शौचालय के चारों ओर गंदगी पसरी रहती है गंदगी की वजह से लोग टॉयलेट (पेशाब घर) रहने के बावजूद भी खुले में शौच करने को मजबूर है। लोगों ने बताया कि शौचालय में पसरी गंदगी के दुर्गंध से आसपास के दुकानदारों का रहना मुश्किल हो गया है। वही विद्यालय में पढ़ने आने वाली छात्राओं को काफी परेशानी होती है। गंदगी के कारण खुले में शौच करने वाले राहगीरों से छात्राओं को काफी शर्मिंदगी महसूस होती है। लोगों ने बताया कि स्वच्छता अभियान पर जोर देते हुए नगर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर शौचायलयों का निर्माण कराया गया था। लेकिन नगर प्रशासन के देखरेख के अभाव में टॉयलेट (पेशाब घर) के अंदर इतनी गंदगी पसरी हुई है कि इसका उपयोग करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। ऐसे में स्वच्छता अभियान को लेकर जिम्मेदार कितने लापरवाह है इसकी यह बानगी बन गया है।

नपं कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र चौधरी

10 सीटर का बनेगा नया कम्युनिटी टॉयलेट,मेंटेनेंस कार्य में काफी खर्च आएंगे : कार्यपालक पदाधिकारी

श्री बंशीधर नगर पंचायत के शहरी क्षेत्रों के विभिन्न मॉड्यूलर टॉयलेट की खराब स्थिति को देखते हुए झारखंड वार्ता की टीम ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार चौधरी से बात की। इस पर उन्होंने बताया कि नगर पंचायत में कुल 9 मॉड्यूलर यूरिनल टॉयलेट बनाए गए हैं। नगर पंचायत में कुल 40 से 50 सफाई कर्मी है। जो प्रत्येक दिन 15 से 20 संख्या में प्रत्येक वार्ड में जाकर साफ सफाई करते हैं। अगर शौचालय की साफ सफाई नहीं हो रही है तो सफाई कर्मियों को सफाई करने का निर्देश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि साफ सफाई को लेकर नगर पंचायत प्रत्येक माह 2 से ढाई लाख रुपए खर्च करती है। उन्होंने बताया कि शहर में बंद पड़े शौचालय को जल्द खुलवाया जाएगा। वही कई स्थानों पर जर्जर शौचालय को मेंटेनेंस करने के लिए काफी खर्च आ रही है। अधिक खर्च आने के कारण नगर पंचायत द्वारा 10 सीटर का कम्युनिटी टॉयलेट बनाया जाएगा। जिसका टेंडर हो गया है। छठ पूजा के बाद कार्य प्रारंभ होगा।