सिल्ली: बिरसा मुंडा आर्चरी सेंटर में पिछले कई माह से महिला कोच दुमका निवासी श्वेता पांडे दे रही तीरंदाजी का बेहतर प्रशिक्षण। कोच श्वेता ने बताया कि तीरंदाजी का प्रशिक्षण हर बच्चों से संभव नहीं है। सबसे पहले बच्चों को इस प्रशिक्षण के लिए जागरूकता लानी पड़ती है। जिससे बच्चों में धीरे-धीरे दिलचस्पी बढ़ने लगती है। क्योंकि तीरंदाजी पर पकड़ बढ़ी तो सफलता कदम चूमने लगेगी।

इसे महज खेल और मैडल तक सीमित नहीं रखते हुए अकेडमी से जुड़े तीरंदाज आत्मनिर्भर के साथ साथ रोजगार से जुड़ रहे है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में अकादमी के संरक्षक सुदेश कुमार महतो एवं अध्यक्ष नेहा महतो बधाई के पात्र है कि उन्होंने एक प्लेटफॉर्म दिया नहीं तो बच्चे अक्सर अपना ज्यादातर समय मोबाइल पर बिताने लगते हैं, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में अकादमी एक बेहतरीन विकल्प है, जहाँ बच्चे ना सिर्फ मोबाइल से दूर अपना ज्यादातर समय खेल, कैरियर बनाने में बिता रहे है।