ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच होने पर बहुत बड़े भूमि घोटाले से उठ सकता है पर्दा
शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर(गढ़वा ):–: नगर ऊंटारी अंचल में आदिवासी खाते की जमीन सुरक्षित नहीं है। अंचल कार्यालय में मची लूट और अंधेरगर्दी कमजोर तबके के लोगों की भूमि के लिये बहुत बड़ा खतरा है। अंचल कार्यालय में सारे कायदे कानून को ताक पर रख कोर्ट में लंबित मामलों का भी निष्पादन धड़ल्ले से किया जा रहा है। ताजा मामला अंचल के हल्का नंबर पांच के जंगीपुर गांव से जुड़ा हुआ है। जंगीपुर गांव निवासी रजमतिया उरईन वगैरह की आदिवासी खाते की जमीन को शिवधारी महतो पिता वरण महतो के नाम से अपडेशन कर दिया गया है। जबकि उक्त भूमि का मामला राजस्व न्यायालय (बन्दोबस्त) में वर्ष 2006 में दफा 87 के तहत दायर है। जिस पर सुनवाई की प्रक्रिया जारी है। उक्त कोर्ट में मामले की सुनवाई की अगली तिथि 8 अक्टूबर 2024 को है।
क्या है मामला
दस्तावेजों के मुताबिक नगर ऊंटारी अंचल के हल्का नंबर पांच के जंगीपुर गांव निवासी रजमतिया उरईन वगैरह की खतियानी जमीन है। जिसका हाल सर्वे एवं पुराना दोनों का खतियान है। जिसका पुराना खाता नंबर 106 एवं प्लॉट 33 एवं नया खाता नंबर 222, प्लॉट नंबर 64 रकबा 55 डिसमिल है। मतलब नया और पुराना दोनों खाता आदिवासी के नाम पर है। लेकिन नया खाता की अभियुक्ति में शिवधारी महतो का अवैध दखल होने पर शिवधारी महतो पक्ष व रजमतिया उरईन वगैरह पक्ष दोनों की ओर से दफा 87 के तहत राजस्व न्यायालय में मामला दायर है।
शिवधारी महतो की ओर से दायर केस नंबर 12025 पर फिलहाल सुनवाई चल रही है।
8 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित है। इस बीच अंचल कार्यालय के पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने सारे कायदे कानून को ताक पर रख उक्त आदिवासी खाते को जमीन को शिवधारी महतो पिता वरण महतो के नाम से अवैध दखल दिखाकर आंख मूंदकर अपडेशन कर रसीद निर्गत कर दिया गया। जिसका अपडेशन संख्या 112 2024 है।
अब सवाल उठता है कि अंचल कार्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मी यह जानते हुये कि आदिवासी खाते की भूमि डीसी की अनुमति के बिना आदिवासी के लिये हस्तांतरण के योग्य नहीं है तो आखिर गैर आदिवासी का कैसे हुआ ? पूरा मामला आदिवासी भूमि घोटाला से जुड़े होने के कारण बहुत गंभीर विषय है। जिसकी जांच ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी से होने पर बहुत बड़े भूमि घोटाले से पर्दा उठ सकता है।